वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेश जोशी के निधन के बाद राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर
महेश जोशी का जन्म 2 अप्रैल 1939 को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में हुआ था। आज से एक सप्ताह पूर्व ही वह 82 वर्ष के हुए थे। पिछले कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे, भोपाल व दिल्ली के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। महेश जोशी 1962 में पहली बार पार्षद बने थे।
इसे भी पढ़ें: पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने लिखा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र, कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए दिया सुझाव
वही महेश जोशी की पार्थिव देह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। शनिवार सुबह ही उनका पार्थिव शरीर भोपाल से इंदौर लाया गया। दोपहर में उनकी अंतिम यात्रा उनके घर ओल्ड पलासिया से निकाली गई और रामबाग मुक्तिधाम पहुंची। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनके बेटे पिंटू जोशी ने मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में कांग्रेस के साथ ही भाजपा के भी कई नेता शामिल हुए। पूर्व मंत्री महेश जोशी को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब से मैं राजनीतिक जीवन में आई, हमने साथी के रूप में काम किया। कभी मन में बातें नहीं रखीं। महेश जी ने इंदौर के लिए बहुत कुछ किया।
इसे भी पढ़ें: भोपाल में आयोजित किया जाएगा चित्र भारती फिल्मोत्सव-2022
वहीं, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी से राजनीतिक जीवन में लोगों की सेवा की है। उन्होंने यदि किसी को जुबान दी तो वे उस पर कायम रहा करते थे। हर परिस्थिति में उन्होंने इंदौरियों की सेवा की। कांग्रेस पार्टी के लिए तो उनका जाना क्षति है ही, प्रदेश के लिए भी यह राजनीतिक क्षति है। उन्होंने मेरे राजनीतिक जीवन में हमेशा में मार्गदर्शन किया। गौरतलब है कि जोशी सप्ताह भर पूर्व ही 82 वर्ष के हुए थे। 1972 में वे पहली बार विधायक बने। 1985 में चुनाव जीतने के बाद वे मंत्री बनाए गए। वे विधानसभा क्षेत्र 1 और विधानसभा क्षेत्र 3 से विधायक रहे। लंबे समय तक उन्होंने 20 सूत्रीय क्रियान्वयन समिति का उपाध्यक्ष पद संभाला। मध्य प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री, युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जैसे दायित्व भी निभाए। ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रहे और पचमढ़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की कमान संभाली।
इसे भी पढ़ें: भोपाल के शाहपुरा और कोलार क्षेत्र में 10 दिन का टोटल लॉकडाउन
महेश जोशी का जन्म 2 अप्रैल 1939 को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में हुआ था। महेश जोशी 1962 में पहली बार पार्षद बने थे। प्रदेश के ज्यदातर वरिष्ठ नेताओं के साथ उन्होंने मंत्रिमंडल में सदस्य के रूप में काम किया। जोशी हमेशा ही मध्य प्रदेश की राजनीति के केंद्र बिंदु रहे। पचमढ़ी में संपन्न अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन की कमान उनके हाथ में रही थी। वह लंबे समय तक मध्य प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री भी रहे। उनके निधन पर कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं शोक व्यक्त किया।
मेरे पितातुल्य, सदैव परिवारिक रूप से मुझे मार्गदर्शन प्रदान करने वाले लोकप्रिय जननेता, पूर्व मंत्री श्री महेश जोशी जी का निधन का अत्यंत दुःखद है।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) April 9, 2021
मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान व परिजनों पर हुए इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूँ। pic.twitter.com/8XTgIC47mA
अन्य न्यूज़