चुनावी सभा में नीतीश पर एक शख्स ने फेंके पत्थर-प्याज, CM बोले- फेंको खूब फेंको
इस घटना पर सुरक्षाकर्मी हरकत में आ गए और उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने घेरे में ले लिया और उन्होंने अपना भाषण रोक दिया। इस दौरान नीतीश ने अपने शांत स्वभाव का परिचय देते हुए कहा कि जो कोई भी उनपर कुछ भी फेंकना चाहता है, उसका स्वागत है।
साथ ही उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को जनसभा में विघ्न पैदा करने वालों को छोड देने और उन पर ध्यान नहीं दिये को कहा। नीतीश ने कहा, हां खूब फ़ेंको । उन्होंने खूब फ़ेंको शब्द को कम से कम छह बार दोहराया। इसके बाद अपने भाषण में नीतीश ने लोगों को आश्वासन दिया कि यदि वे राज्य में सत्ता में लौटते हैं तो किसी को भी नौकरी की तलाश के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि यहां रोजगार के भारी अवसर पैदा होंगे। विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने के वादे पर नीतीश ने पूछा कि जब उन्हें (राजद) 15 साल तक राज्य की सेवा करने का अवसर मिला, तो वे एकीकृत बिहार (वर्ष 2000 तक झारखंड बिहार का हिस्सा था) के लोगों को सिर्फ 95,000 नौकरियां ही दे पाए जबकि हमने बिहार के लोगों को छह लाख नौकरियां दीं। हालांकि, ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी चुनावी सभाओं के दौरान विरोध की कई अन्य घटनाएं घट चुकी हैं। गौरतलब हो कि मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में 26 अक्टूबर को नीतीश जब एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे तो प्रदर्शनकारियों ने हेलिपैड में खडे उनके हेलीकॉप्टर की ओर जूता फेंका था, लेकिन वह वहां तक पहुंचा नहीं था।#Correction: Onions pelted during Chief Minister Nitish Kumar's election rally in Madhubani's Harlakhi.#BiharPolls pic.twitter.com/0NwXZ3WIfm
— ANI (@ANI) November 3, 2020
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पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया था। 21 अक्टूबर को सारण जिले के परसा से अपनी पार्टी के उम्मीदवार तथालालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय के पक्ष में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान “लालू जिंदाबाद” का नारा लगाये जाने पर नीतीश ने नारे लगाने वालों से कहा था कि वे हंगामा नहीं करें। अगर वे उन्हें वोट नहीं देना चाहते हैं, तो न दें। इस बीच बिहार प्रदेश जदयू के अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने मधुबनी के हरलाखी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पत्थर फेंके जाने की भर्त्सना की और इसे कायरतापूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि पहले दो चरण के मतदान में जनता का रुझान देख अपनी निश्चित हार से हताश, निराश और बेचैन लोगों ने इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है। सिंह ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र का अपमान है। जिसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं हो वही इस तरह की घृणित हरकत को अंजाम दे सकता है। उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की और कहा कि इस घटना का जवाब बिहार की जनता जरूर देगी। 10 नवंबर को नीतीश कुमारऐतिहासिक बहुमत हासित करेंगे।
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