दिल्ली में आप और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला, कांग्रेस रेस से बाहर: संजय सिंह
सिंह ने उन खबरों को दरकिनार कर दिया कि कांग्रेस हरियाणा की तरह चुनाव में छुपा रुस्तम साबित हो सकती है और कड़ा मुकाबला दे सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति ‘‘पूरी तरह अलग’’ है।
नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का कहना है कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘आप’ और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा और कांग्रेस प्रतिस्पर्धा में ही नहीं है। सिंह ने उन खबरों को दरकिनार कर दिया कि कांग्रेस हरियाणा की तरह चुनाव में छुपा रुस्तम साबित हो सकती है और कड़ा मुकाबला दे सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति ‘‘पूरी तरह अलग’’ है।
सूरज कुमार का कुछ समय पहले भीषण ऐक्सिडेंट हुआ था,यह हिम्मती युवा बता रहा की मौत को मात देने की उसकी इच्छाशक्ति और दिल्ली सरकार की मदद से कैसे उसकी जान बची। ‘दिल्ली के फ़रिश्ते’योजना के तहत सूरज के इलाज में आया 36लाख का खर्च @ArvindKejriwal सरकार ने वहन किया। #आपन_पूर्वांचल pic.twitter.com/c8kXCiOjpo
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) November 16, 2019
आप के सांसद सिंह ने दावा किया कि दिल्ली में कोई कांग्रेस का जिक्र भी नहीं करता और उसे दिल्ली में होने वाले चुनावों में प्रतिद्वंद्वी भी नहीं समझा जा सकता। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘दिल्ली में लोगों ने हमारा काम देखा है और वे इससे खुश हैं। वे इसके आधार पर ही मतदान करेंगे।’’ सिंह ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की संभावनाओं को नकार दिया। आगामी चुनाव को लेकर ‘आप’ के एजेंडे के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि पिछले पांच साल में ‘आप’ सरकार अपनी योजनाओं के जरिए समाज के हर वर्ग तक पहुंची, भले ही वह बच्चों एवं युवाओं के कल्याण के लिए शिक्षा हो, बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा हो, बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा हो या उनकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाने की योजना हो।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि हम सभी को आगे ले जाने पर विचार करते है। यही वे एजेंडे हैं, जिन्हें सरकार सत्ता में आने के बाद आगे लेकर जाएगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमन संबंधी केंद्र की हालिया घोषणा भाजपा के लिए पासा पलट सकती है, सिंह ने कहा कि यह भगवा दल का एक और ‘‘जुमला’’ है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इस कदम के लिए गंभीर है तो वह इसके लिए अध्यादेश ला सकती थी ‘‘लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह ‘जुमले’ के अलावा और कुछ नहीं है।’’
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