केजरीवाल सरकार ने HC से कहा, पांच दिन संस्थागत पृथकवास में रखने का आदेश बदला गया

High Court

अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता नेंसी रॉय नए आदेश से संतुष्ट नहीं हैं तो वह उचित मंच के समक्ष आदेश को चुनौती दे सकती हैं। अदालत ने इसके साथ ही उनकी याचिका का निपटान कर दिया।

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी सरकार ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मरीजों को अनिवार्य रूप से पांच दिन संस्थागत पृथकवास में रखने का आदेश बदल दिया गया है, जो इसे चुनौती देने वाली याचिका को निष्फल बना देता है। दलील का संज्ञान लेते हुए, मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालन ने कहा कि 20 जून के दिल्ली सरकार के नवीनतम आदेश के बाद याचिका में उठाई गई शिकायतें खत्म हो जाती हैं। यह आदेश कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों को पांच दिन संस्थागत पृथकवास में रखने के उपराज्यपाल के 19 जून के निर्देश का स्थान लेता है। 

इसे भी पढ़ें: उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पांच दिन के संस्थागत पृथकवास का फैसला लिया वापस, जानिए क्या कुछ बदला 

अदालत ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता नेंसी रॉय नए आदेश से संतुष्ट नहीं हैं तो वह उचित मंच के समक्ष आदेश को चुनौती दे सकती हैं। अदालत ने इसके साथ ही उनकी याचिका का निपटान कर दिया। याचिका में उप राज्यपाल अनिल बैजल के 19 जून के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें कहा गया था कि सभी बिना लक्षण वाले मामले और मामूली लक्षण वाले मरीजों को घर पर पृथकवास में रखने के बजाय संस्थागत पृथकवास में पांच दिन तक रखा जाएगा। इसके बाद, 20 जून के आदेश के मुताबिक, संक्रमित पाए जाने वाली सभी मरीजों को क्लीनिकल स्थित, बीमारी की गंभीरता और पहले से कोई बीमारी होने का मूल्यांकन करने के लिए कोविड देखभाल केंद्र भेजा जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़