जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा में 40 हजार लोग मारे गए, लेकिन कुछ लोगों को सिर्फ 2-3 परिवारों की चिंता : जितेन्द्र सिंह
लोकसभा में जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के लिए अनुदानों की मांगों पर सदन में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हिरासत में रखे गए लोगों की संख्या सबसे कम है। 300 से कुछ अधिक लोग हिरासत में हैं।
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिए कि ऐसा ही रहा तो भविष्य के इतिहासकार कहीं ये नहीं कहने लगें कि हमने केवल 2-3 परिवारों की चिंता की, उन 40 हजार लोगों के बारे में नहीं सोचा जिन्होंने जान गंवायी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो कहते हैं कि दो..तीन लोग अंदर थे, इसलिये शांति रही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विशेष प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त होने के बाद कामकाज की स्थिति, संस्कृति, मानसिकता, फिजा बदली है। पिछले आठ महीने में जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक नई उम्मीद, हसरत और आकांक्षा ने जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि स्थिति कैसे बदलेगी? और आज हम कह सकते हैं कि पिछले आठ महीने में जिस तरह से क्षेत्रशांति और अमन के माहौल से गुजरा है, वैसा आठ महीने का दौर पिछले तीस वर्षों के दौरानकभी भी नहीं रहा। सिंह ने कहा कि इस दौर में ईद, मोहर्रम, दिवाली, होली, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आये लेकिन सब अमन से गुजर गया। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के दौरान त्योराहों के समय घटनाएं घटने पर कहा जाता था कि पर्वों के समय पाकिस्तान ने शरारत की लेकिन हमारी सरकार ने बहाना नहीं बनाया और इस पर लगाम लगाने का काम किया।MoS PMO in Lok Sabha 'on the total number of corruption related complaints received in PMO during last 1 year along with the number of such complaints which were redressed': Total disposal of corruption related complaints during the said period is 12,066. https://t.co/uBGMDm0abr
— ANI (@ANI) March 18, 2020
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इंटरनेट बंद करने संबंधी विपक्षी दलों के नेताओं के आरोपों पर सिंह ने कहा कि इंटरनेट नहीं बंद था केवल मोबाइल इंटरनेट बंद था और अब तो कई क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट भी खोल दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट इसलिये बंद किया गया क्योंकि जब आतंकियों का पीछा किया जाता था तब वे मोबाइल नेटवर्क का फायदा उठाते थे। गौरतलब है कि इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की हिरासत का मुद्दा उठाया था और इंटरनेट पर पाबंदी की भी बात की थी। केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद कुछ लोगों ने कहा कि ज्वालामुखी फूटेगा, भूकंप आ जायेगा लेकिन ये सभी आशंकाएं निर्मूल हो गई हैं। सिंह ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर से विशेष प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 के हटने के बाद वहां अनेक केंद्रीय कानून लागू हो रहे हैं और क्षेत्र विकास के मार्ग पर बढ़ा है। उन्होंने इस संदर्भ में जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव कराने सहित जमीनी स्तर पर लोगों को मुख्यधारा में लाने के सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया।
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