मध्य प्रदेश में कोविड संकट काल में नागरिकों को 38 हजार करोड़ की प्रत्यक्ष राहत
लॉक डाउन अवधि में समाज के विभिन्न वर्गों तक राहत के लिए राशि का भुगतान किया गया। प्रमुख रूप से 24 विभागों ने छात्रवृत्ति, पेंशन, श्रमिक और किसान कल्याण योजनाओं में 38 हजार करोड़ रुपए की राशि पहुंचाने का कार्य किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में मंत्री मंडल सदस्यों को विद्युत उपभोक्ताओं और नागरिकों को कोविड 19 के संकट में विभिन्न योजनाओं में दिए आर्थिक लाभ और राहत की जानकारी विस्तार से दी गई। मंत्री सर्वश्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत और सुश्री मीना सिंह बैठक में उपस्थित थी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक क्षेत्र प्रभावित हुआ है। लोगों की तकलीफ को कम करने के लिए राज्य सरकार ने समय पर प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए उन्हें राहत पहुँचाते हुए राशियों के ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की। इससे कोविड-19 के संकट काल में आमजन को प्रत्यक्ष लाभ मिला है। लॉक डाउन अवधि में समाज के विभिन्न वर्गों तक राहत के लिए राशि का भुगतान किया गया। प्रमुख रूप से 24 विभागों ने छात्रवृत्ति, पेंशन, श्रमिक और किसान कल्याण योजनाओं में 38 हजार करोड़ रुपए की राशि पहुंचाने का कार्य किया है।
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मुख्यमंत्री चौहान ने कुछ अवसरों पर खुद सहारिया, बैगा, भारिया आदिवासियों सहित प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और विभिन्न योजनाओं के अन्य हितग्राहियों से विभिन्न वीडियो कांफ्रेंस से संवाद करते हुए उनके खाते में राशि जमा करवाई। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 562.34 करोड़, तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 44.60 करोड़, मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना में 14.81 करोड़, श्रम सिद्धि अभियान और मनरेगा के अंतर्गत 1862 करोड़, फसल बीमा योजना के 2981 करोड़, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना जो भारत सरकार की योजना है, में 1500 करोड़, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन योजना में 87.49 लाख विद्यार्थियों को 263 करोड़ और रसोइयों के खातों में 84 करोड़ की राशि दी गई। इसी तरह छात्रवृत्ति की योजनाओं में 51 लाख विद्यार्थियों को 475.30 करोड़ दिए गए। गेहूँ उपार्जन के फलस्वरुप करीब 16 लाख किसानों को 24,000 करोड़ की राशि प्रदान की गई है।
इसके साथ ही चना सरसों और मसूर की खरीदी पर लगभग 3 लाख किसानों को 2762 करोड़ रुपए की राशि दी गई। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 477 करोड़, संबल योजना में 24 हजार से अधिक हितग्राहियों को 137.41 करोड़, करीब नौ लाख निर्माण श्रमिकों 177 करोड़ की राशि दी गई। प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना में 36 करोड़ की राशि दी गई।अलाडली लक्ष्मी योजना में 12.27 करोड़, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि में 8.24 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी क्षेत्र के लिए 82.41 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 451 करोड़ की राशि दी गई।
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अध्यात्म विभाग द्वारा शासकीय देव स्थानों के पुजारियों के लिए 6 करोड़, बिजली उपभोक्ताओं को 623 करोड़ की राशि प्राप्त हो रही है। इसके अलावा जीवन अमृत योजना में दवा और काढ़ा वितरण पर 35 करोड़ की राशि प्रदान की गई। अन्य योजनाओं में पंच-परमेश्वर योजना में 70 करोड़, निराश्रितों, प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न प्रदाय पर 120.96 करोड़, कोराना संकट के फलस्वरूप अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों के राहत शिविरों के प्रबंध के लिए जिलों को 21 करोड़ के आवंटन के साथ ही प्रवासी श्रमिकों की परिवहन व्यवस्था के लिए 47 करोड़ दिए गए। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को खाद्यान्न आपूर्ति और अग्रिम राशन प्रदाय की व्यवस्था की गई। कुल 7.71 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और चावल वितरित किया गया। राज्य सरकार ने पंच-परमेश्वर योजना में 1555 करोड़ की राशि और 15वें वित्त आयोग में नगरीय निकायों को 330 करोड़ रूपये आवंटित किये गए। इसके साथ ही अध्यात्म विभाग द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए दी गई राशि 2.46 करोड़ शामिल है। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मंत्रिमण्डल सदस्यों को विद्युत उपभोक्ताओं के लिए घोषित राहत के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, सभी श्रेणियों के लाभांवित उपभोक्ताओं की संख्या 95 लाख और छूट राशि 623 करोड रूपये है। उपभोक्ताओं को एसएमएस भेजकर भी राहत की जानकारी देने का कार्य शुरू किया गया है। विद्युत देयकों के साथ ही संदेश पहुँचाया जा रहा है।
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