उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से 22 और मरीजों मौत, कुल मामले हुए 17 हजार के पार
प्रसाद ने बताया कि इसी तरह बाल सुधार गृह और बालिका संरक्षण गृहों की भी हर जिले में जांच करायी गयी। दो जिलों मेरठ और कानपुर नगर के बाल सुधार गृहों या बालिका संरक्षण गृहों में संक्रमण मिला। वहां रह रहे बाकी लोगों की टेस्टिंग करायी जा रही है। जिसमें भी संक्रमण होगा, उसका चिकित्सालय में उपचार कराया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप के जरिए जिन लोगों को एलर्ट आये, ऐसे 87, 482 लोगों को चिकित्सा विभाग के नियंत्रण कक्ष से फोन कर सावधान किया गया। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने 17, 75, 951 प्रवासी कामगारों के गांव गांव घर घर जाकर उनका हालचाल लिया और उन्हें 1567 लोग कोरोना वायरस संक्रमण के किसी ना किसी लक्षण वाले मिले। सबके सैम्पल लेकर जांच करायी जा रही है। यह कार्य लगातार चल रहा है। प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से 97, 33, 508 घरों में 4, 96, 85, 930 लोगों का सर्वेक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को शहरी झुग्गी बस्तियों :अर्बन स्लम: में संक्रमण के आंकडे एकत्र किये गये थे। शनिवार को वृद्धाश्रम, अनाथालय, बाल सुधार गृह के आंकडे एकत्र किये गये। इसके लिए पूरे प्रदेश में, हर जिले में सैम्पलिंग की गयी थी।पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 592 नए मामले सामने आए हैं, इस समय #COVID19 के सक्रिय मामलों की संख्या 6,237 है। जो लोग पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं उनकी संख्या 10,369 है। 529 लोगों की कोरोना से मौत हुई है:उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद pic.twitter.com/fCyPjaGgRY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 20, 2020
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प्रसाद ने बताया कि वृद्धाश्रमों में 75 जिलों में से तीन जिलों में संक्रमित मिले हैं और ये जिले सुल्तानपुर, कुशीनगर और जालौन हैं जबकि बाकी जिलों के वृद्धाश्रमों में कोई संक्रमण नहीं है। उनके अनुसार तीनों जिलों को तत्काल सतर्क किया गया है कि वे वृद्धाश्रमों में रह रहे बाकी लोगों के सैम्पल की जांच करायें। यदि कोई संक्रमित निकले तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाकर इलाज करायें। प्रसाद ने बताया कि इसी तरह बाल सुधार गृह और बालिका संरक्षण गृहों की भी हर जिले में जांच करायी गयी। दो जिलों मेरठ और कानपुर नगर के बाल सुधार गृहों या बालिका संरक्षण गृहों में संक्रमण मिला। वहां रह रहे बाकी लोगों की टेस्टिंग करायी जा रही है। जिसमें भी संक्रमण होगा, उसका चिकित्सालय में उपचार कराया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कल नया शासनादेश जारी किया गया है, जिसके तहत डिस्चार्ज नीति में संशोधन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों में कोई लक्षण नहीं है, उन्हें दस दिन के बाद बिना टेस्टिंग घर भेज दिया जाएगा। उसके बाद वे सात दिन तक घर पर ही पृथकवास में रहेंगे। अगर कोई लक्षण है तो उन्हें तभी छोडा जाएगा, जब वे नेगेटिव हो जाएंगे।
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