महाराष्ट्र में 7 सितंबर से दो दिवसीय मानसून सत्र, सदस्यों को सुरक्षित रखने के लिए तैयारियां शुरू
विधान भवन के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र विधानसभा के इतिहास के सबसे छोटे सत्र का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में 8.43 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
मुम्बई। वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के बीच महाराष्ट्र में मानसून सत्र के निर्विघ्न चलने और कार्यवाही के दौरान सदस्यों को सुरक्षित रखने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मानसून सत्र यहां सात सितम्बर से शुरू हो रहा है। विधान भवन के अधिकारियों ने बताया कि सात सितम्बर से शुरू हो रहे दो दिवसीय सत्र के लिए विधायकों के लिए अनिवार्य ‘एंटीजन’ परीक्षण, कोविड-19 किटों का वितरण और सदस्यों के बीच शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए बैठने की नई व्यवस्था जैसे कुछ उपाय किए गए हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र विधानसभा के इतिहास के सबसे छोटे सत्र का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में 8.43 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। संक्षिप्त सत्र के दौरान अन्य विधायिका के कार्यों के बीच अनुपूरक मांगों और कुछ विधेयकों पर गौर किया जाएगा।
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विधायी कार्य मंत्री अनिल परब ने बताया कि इस दौरान प्रश्नकाल और चर्चा नहीं होगी। शिवसेना नीत महा विकास आघाडी सरकार के नवम्बर में सत्ता में आने के बाद यह पहला विधानसभा सत्र है। इससे पहले 22 जून से और अगस्त के आखिरी सप्ताह में दो बार सत्र स्थगित किया जा चुका है।
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