American Dream of Citizens of India: क्यों और कैसे प्रवासी नागरिकों के लिए दुस्वप्न साबित हो रहा अमेरिकन ड्रीम?
2020 से 2023 तक अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के बीच हत्या, आत्महत्या की कई खबरें आई हैं। यह एक कम चर्चा वाली समस्या है और भारत के प्रवासी नागरिकों ओसीआई के बीच भी इसके बारे में शायद ही कभी बात की जाती है। क्या कई अमेरिकी भारतीयों का अमेरिकी सपना टूट रहा है?
लगभग 1.8 करोड़ की आबादी के साथ एशियाई अमेरिकी, संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक कमाई करने वाला समूह हैं। इस समूह में भारतीय अमेरिकियों की औसत घरेलू आय सबसे अधिक है। मुख्य बात यह है कि भारतीय अमेरिकी आबादी का 70 प्रतिशत हिस्सा स्नातक की डिग्री वाला है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 28 प्रतिशत है। लेकिन 2020 से 2023 तक अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के बीच हत्या, आत्महत्या की कई खबरें आई हैं। यह एक कम चर्चा वाली समस्या है और भारत के प्रवासी नागरिकों ओसीआई के बीच भी इसके बारे में शायद ही कभी बात की जाती है। क्या कई अमेरिकी भारतीयों का अमेरिकी सपना टूट रहा है?
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अमेरिकन ड्रीम है क्या?
सबसे पहले यह जान लें कि अमेरिकी सपना क्या है? यह परंपरागत रूप से इस विश्वास को संदर्भित करता है कि कोई भी अमेरिकी नागरिक, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से सफलता और समृद्धि प्राप्त कर सकता है। इस अमेरिकी सपने को प्राप्त करने में प्रवासी भारतीयों के लिए जो सबसे बेहतरीन फैक्टर के रूप में काम करता है वो नौकरी की उपलब्धता और एक बार की किसी भी चीज़ से कहीं अधिक है। आपको एक निश्चित स्तर की वित्तीय सफलता मिलती है, आप ऊपर की ओर गतिशीलता प्राप्त कर सकते हैं। आपकी जाति, धर्म, पारिवारिक पृष्ठभूमि, यह सब कोई मायने नहीं रखती। सबकुछ इतना मजे वाला है तो क्या गलत हो रहा है? समृद्ध भारतीय मूल के परिवारों में हत्या और आत्महत्या के मामलों में क्यों बढ़ोतरी हो रही है?
हत्या और सुसाइड के बढ़ते मामले
अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में 28 दिसंबर 2023 को भारतीय मूल का एक दंपति और उनकी किशोर बेटी अपने आलीशान घर में मृत पाए गए। मीडिया रिपोर्ट में मामला प्रत्यक्ष तौर पर घरेलू हिंसा से जुड़ा बताया गया। नॉरफॉक जिले के अटॉर्नी (डीए) माइकल मॉरिससे ने बताया कि राकेश कमल, उनकी पत्नी टीना और उनकी बेटी एरियाना के शव शाम लगभग साढ़े सात बजे डोवर स्थित उनके आवास में पाए गए। टीना और उनके पति पहले एडुनोवा नाम की शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनी चलाते थे जो बाद में बंद हो गई थी। जिले के अटॉर्नी ने घटना को घरेलू हिंसा करार दिया और कहा कि कमल के शव के पास एक बंदूक मिली। दस्तावेजों के अनुसार दंपति की कंपनी वर्ष 2016 में शुरू हुई थी लेकिन दिसंबर 2021 में यह बंद हो गई। टीना कमल को एडुनोवा की वेबसाइट पर कंपनी का मुख्य परिचालन अधिकारी बताया गया। इसमें उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा बताया गया था। दंपति हाल के वर्षों में वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा था।
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साल की शुरुआत में कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकी मूल के एक व्यक्ति ने अपनी कार को पहाड़ियों की चोटी से नीचे गिरा था। इस दौरान कार में उसकी पत्नी और बच्चे भी मौजूद थे। पटेल पर आरोप है कि उसने जानबूझकर अपनी टेस्ला को 250 फुट की पहाड़ी की चोटी से गिरा दिया। पत्नी नेहा ने कहा कि धर्मेश पटेल अवसाद से पीड़ित थे और उन्होंने जानबूझकर चट्टान से गाड़ी चलाई।
नवंबर 2023 में भारतीय मूल के 23 वर्षीय एक छात्र को न्यू जर्सी कॉन्डोमिनियम के अंदर अपने दादा-दादी और चाचा की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ओम ब्रह्मभट्ट पर दिलीप कुमार ब्रह्मभट्ट, बिंदु ब्रह्मभट्ट और यशकुमार ब्रह्मभट्ट को गोली मारने का आरोप है।
एक्सपर्ट्स की मदद लेने में झिझक
भारत की तरह भारतीय अमेरिकी भी मेंटल डिसऑर्डर को लेकर चिकित्सीय सहायता से झिझकते हैं। उन्हें सामाजिक कलंक, नौकरी खोने, समुदाय में पूर्वाग्रह और दोस्तों और परिवार के बीच भेदभाव का डर रहता है। समुदाय में कई लोगों का मानना है कि मानसिक बीमारी के लिए पेशेवर मदद लेने में बहुत झिझक होती है क्योंकि यह इस दृष्टिकोण के विपरीत है कि भारतीय संस्कृति भावनात्मक आघात से निपटने के लिए काफी सशक्त मानी जाती है। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में अविश्वास भी मदद मांगने में एक बैरियर के रूप में काम करता है। इस फैक्टर के बावजूद कि अमेरिका में सैकड़ों-हजारों की संख्या में भारतीय मूल के चिकित्सक भरे पड़े हैं। भारतीय कम्युनिटी को बहुत जीवंत माना जाता है और बड़ी संख्या में त्योहार और सामुदायिक कार्यक्रम मनाने के लिए जाना जाता है। लेकिन अत्यधिक सफल होने के दबाव ने अतिरिक्त प्रेशर पैदा कर दिया।
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