मास्टर साहब के पढ़ाकू बेटे ने कुछ नौसिखिए इंजीनियरों के साथ कैसे पूरी दुनिया को हिला दिया, ट्रंप अमेरिकियों से कह उठे- आंखें खोलो

डीपसीक एक ऐसी कंपनी जिसने अमेरिका के बड़े बड़े टेक दिग्गजों की नींद उड़ा दी है। इसके जनक लियांग वेनफेंग हैं। 40 साल का एक ऐसा इंसान जिसका नाम कुछ समय पहले तक शायद ही किसी ने सुना होगा। लेकिन आज वो चीन के सैम ऑल्टमैन कहे जा रहे हैं। लियांग वेनफेंग का जन्म 1980 के दशक में चीन के एक छोटे से शहर ड्वांग डोंग में हुआ था।
एक शख्स जो कभी फाइनेंस में खेला करता था, वो आज एआई कि दुनिया में अमेरिका के भी छक्के छुड़ा रहा है। एक ऐसा इंसान जिसे कभी लोग सिर्फ एक पकाऊ लड़का मानते थे। वो आज एआई की दुनिया में तहलका मचा रहा है। अमेरिका में साल 2000 के डॉटकॉम बबल को याद करके लोग अभी भी थरथर कांपते हैं। टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री की सूरत ही बदल गई थी। उसके बाद 2008 का फाइनेंसिशयल क्राइसिस वाला साल आता हैं जहां कई सारी कंपनियां बंद होती हैं। लाखों नौकरियां जाती हैं। ये सब तो पुरानी बात हो गई है अगर आप 2025 के टेक तूफान को देखेंगे तो सारी चीजें भूल जाएंगे। अमेरिका के टेक स्टॉक को एक ही दिन में 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा और एआई चिप्स बनाने वाली टेक बादशाह कहे जाने वाली कंपनी के 600 बिलियन घंटों के अंदर गायब हो जाते हैं। अमेरिका के इतिहास में आज तक इतना बड़ा सदमा किसी एक कंपनी को कभी इतनी जल्दी नहीं लगा है। 600 बिलियन डॉलर कितनी बड़ी रकम होती है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि रिलायंस इंडस्ट्री की वैल्यूशेन 200 बिलियन की बताई जाती है। आज आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन सा शख्स है जिसने डीपसीक बनाकर दुनिया हिला दी। डीपसीक का मालिक कितना पढ़ा-लिखा है। डीपसीक की खोज में कितने साल लगे हैं।
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ये डीपसीक है क्या
सबसे पहले डीपसीक के बारे में अच्छे से जान लेते हैं। डीपसीक नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेटिंग एआई और डेटा इंटेलिजेंस के फील्ड में काम करती है। डीपसीक एक एडवांस अपोन सोर्स एआई सिस्टम है। अभी तक एआई के स्पेस में अमेरिका का दबदबा था। लेकिन चीन के इस एआई प्लेटफॉर्म ने दुनिया की बड़ी बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। डीपसीक एक एडवांस एआई मॉडल है। इसकी गुणवत्ता काफी बेहतर और लागत काफी कम है। यह माडल गणित, कोडिंग और जनरल नालेज से जुड़े कामों का बेहद कारगर है। यह 90-95 प्रतिशत ज्यादा किफायती है और महंगे हार्डवेयर की जरूरत कम होती है। विभिन्न समस्याओं और कार्यों को पूरा करने में इसका स्कोर 92 प्रतिशत रहा है, जबकि चैटजीपीटी-4 का स्कोर 78 प्रतिशत है। इसको एनवीडिया की एच800 चिप का इस्तेमाल करके बनाया गया है जो मध्यम रेंज की चिप है। डीपसीक का एआइ एप उसकी वेबसाइट और एपल स्टोर पर उपलब्ध है। यह सेवा मुफ्त है और एपल के स्टोर पर सबसे तेजी से डाउनलोड होने वाला एप बन गया है।
डीपसीक के पीछे है किसका दिमाग
इस पूरे कांड को अंजाम देने के पीछे की वजह को बताया जाता है एक छोटी सी कंपनी और कुछ नौसिखिए इंजीनियर जिन्होंने डीपसीक आर 1 मॉडल लॉन्च किया है। एक ऐसा नायाब और इंफिसिएंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मॉडल जो एआई की दुनिया में एक नया मोड़ ले आया है। डीपसीक एक ऐसी कंपनी जिसने अमेरिका के बड़े बड़े टेक दिग्गजों की नींद उड़ा दी है। इसके जनक लियांग वेनफेंग हैं। 40 साल का एक ऐसा इंसान जिसका नाम कुछ समय पहले तक शायद ही किसी ने सुना होगा। लेकिन आज वो चीन के सैम ऑल्टमैन कहे जा रहे हैं। लियांग वेनफेंग का जन्म 1980 के दशक में चीन के एक छोटे से शहर ड्वांग डोंग में हुआ था। उनके पिता एक साधारण से स्कूल टीचर थे। लेकिन लियांग का दिमाग बचपन से ही गणित और टेक्नोलॉजी की तरफ झुका हुआ था। उन्होंने चीन की प्रतिष्ठित जिजियांग यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की। ये चीन के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है।
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अमेरिका चिप बैन का सोच रहा था और लियांग कुछ और ही करने में लगे थे
लियांग की कहानी किसी फिल्मी स्किप्ट से कम नहीं है। साल 2015 में उन्होंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हाई फ्लायर नाम की क्वांटिटेटिव हेच फर्म कंपनी बनाई। ये कंपनी गणित और एआई का इस्तेमाल करके इवेस्टमेंट करती थी। शुरुआती दिनों में इसे ज्यादा तव्ज्यों नहीं मिली। लेकिन धीरे धीरे इसने अपना दबदबा बना लिया। 2019 तक हाई फ्लायर चीन की सबसे बड़ी क्वांट हेच कंपनियों में से एक बन गई। ये चीन की पहली हेच कंपनी बनी जिसने 100 बिलियन आरएमबी यानी 1 लाख 19 हजार करोड़ रुपए का इवेंस्टमेंट पार किया। हालांकि 2021 में इसका वैल्यूशन गिरकर 8 अरब डॉलर का रह गया। इसी दौरान लियांग ने कुछ ऐसा किया, जिसने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। उन्होंने जेपीयूस हजारों की तादाद में खरीदने शुरू कर दिए। ये सब उस दौर में हो रहा था जब अमेरिका चीन पर चिप एक्सपर्ट बैन की तैयारी में लगा था। उस वक्त किसी को नहीं पता था कि लियांग इन चिप्स का क्या करने वाले हैं। लेकिन 2023 में दुनिया को उनका असली प्लान पता चला। डीपसीक का लॉन्च इसी वर्ष किया गया।
क्या है इसकी इनोवेटिव तकनीक ?
इसके मॉडल्स खुद से सीखते है, गलतियां करते हैं और फिर उन गलतियों से सुधार करते हैं। उन्हें रिवॉर्ड मिलते हैं, जिससे वे समझ पाते हैं कि क्या सही है। मिक्सचर-ऑफ-एक्सपर्ट्स आर्किटेक्चर तकनीक का इस्तेमाल होता है। मान लीजिए, आपके पास एक टीम है, जहां हर सदस्य किसी खास काम में एक्सपर्ट है। जब कोई काम आता है, तो सिर्फ वही एक्सपर्ट काम करता है जो उस काम में सबसे अच्छा है। यही इसकी तकनीक है। डीपसीक-वी3 मॉडल में मल्टी हेड लैटेंट अटेंशन नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह मॉडल डेटा को गहराई से समझ पाता है।
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