Nupur Sharma के बाद कंगना, BJP का सबका विश्वास अपनों पर ही नहीं, ये कदम भक्तों को भी नहीं आ रहा रास
आज के इस एमआरआई स्कैन में बताएंगे कि कंगना ने ऐसा क्या बयान दिया, जिस पर हंगामा मचा है। क्या कंगना को भी नुपूर शर्मा की तरफ बीजेपी किनारे लगा देगी। कंगना के इस बयान का आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या असर हो सकता है?
भाजपा सांसद कंगना रनौत को किसान आंदोलन को लेकर बयान देना भारी पड़ गया है। भाजपा ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया है और इसके साथ ही उन्हें सख्त निर्देश भी जारी किया है। बीजेपी की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि पार्टी की ओर से पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वो बयान देने के लिए अधिकृत हैं। भाजपा की ओर से कंगना को निर्देशित किया गया है कि वो इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दे। वहीं कंगना के इस बयान के बाद बीजेपी पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। आज के इस एमआरआई स्कैन में बताएंगे कि कंगना ने ऐसा क्या बयान दिया, जिस पर हंगामा मचा है। क्या कंगना को भी नुपूर शर्मा की तरफ बीजेपी किनारे लगा देगी। कंगना के इस बयान का आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्या असर हो सकता है?
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कंगना ने ऐसा क्या कहा, बीजेपी को पल्ला झाड़ना पर गया
अपनी आगामी फिल्म इमरजेंसी के प्रचार कार्यक्रमों में से एक के दौरान, कंगना रनौत ने किसान विरोध के दौरान अपने कार्यों के लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने तर्क दिया कि अगर नेतृत्व (मोदी सरकार) निर्णायक और मजबूत नहीं होता तो किसानों के विरोध से भारत में बांग्लादेश जैसा संकट पैदा हो सकता था। हैरानी की बात यह है कि कथित किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में यही धमकी दी थी। उन्होंने इस बातचीत का एक वीडियो भी अपने ऑफिशियल पर शेयर किया है। वीडियो में कंगना रनौत को यह कहते हुए सुना जा सकता है, बांग्लादेश में जो हुआ, वह यहां भी आसानी से हो सकता था। अगर हमारी लीडरशिप कमजोर होती तो देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती थी। सभी ने देखा कि किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ था। प्रदर्शन की आड़ में हिंसा फैलाई गई। वहां बलात्कार हो रहे थे। लोगों को मारकर लटकाया जा रहा था। इस स्थित में भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती थी। केंद्र सरकार ने जब कृषि कानूनों को वापस लिया तो सभी प्रदर्शनकारी चौंक गए। इस आंदोलन के पीछे एक लंबी प्लानिंग थी। कंगना ने विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए निहित स्वार्थों और विदेशी शक्तियों की भी आलोचना की, जब सरकार ने तीन किसान कानूनों को वापस ले लिया जो प्रदर्शनकारी किसानों की प्रमुख मांग थी।
बीजेपी ने चेताया
किसान आंदोलन पर कंगना का बयान पार्टी का मत नहीं है। उन्हें पार्टी की ओर से, नीतिगत विषयों पर बोलने की न तो अनुमति है, न ही वह बयान देने के लिए अधिकृत हैं। यह भविष्य में भी ऐसे कोई बयान न दें। चिट्ठी में आगे लिखा गया की पार्टी की ओर से कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वह इस प्रकार के बयान भविष्य में ना दें।
किसान संगठन नाराज
ऑल इंडिया किसान सभा ने कंगना रनौत के बयान की निंदा की और कहा कि किसान आंदोलन पर अपमानजनक बातें कहने की उनकी आदत हो गई है। हमारी मांग है कि अपनी पार्टी के सांसद के अपमानजनक बयान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माफी मांगें। यह पीएम का संवैधानिक दायित्व है। सरकार कंगना के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करे, नहीं तो किसान सार्वजनिक तौर पर कंगना रनौत का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।
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कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने कहा कि अगरं सत्तारूढ़ दल बीजेपी अपनी सांसद की टिप्पणियों से असहमत है तो उन्हें पार्टी से बाहर करे। सरकार को कंगना के इस दावे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अमेरिका और चीन देश के अंदर अस्थरिता की साजिश रच रहे थे। हरियाणा का चुनाव का नजदीक है और पता है कि बीजेपी हारने जा रही है। ऐसे में बीजेपी ने बयान जारी कर कंगना की टिप्पणियों से असहमति जताई है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत का विवादित बयान भाजपा की किसान विरोधी नीति एवं नीयत का एक और सबूत है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है।
बीजेपी को यूजर्स कर रहे ट्रोल
कंगना रनौत मामले को नूपुर शर्मा वाले मामले से जोड़ते हुए यूजर्स बीजेपी को ट्रोल कर रहे हैं। एक यूजर ने एक्स पर लिखा कि बीजेपी ने नूपुर शर्मा को तब धोखा दिया जब उन्होंने एक साहसिक (लेकिन सत्ता बयान) दिया। बीजेपी ने अब कंगना रनौत से भई पल्ला झाड़ लिया। क्या आप इस पर बीजेपी के रुख का समर्थन करते हैं या कंगना रनौत का? एक अन्य यूजर ने बीजेपी को ट्रोल करते हुए कहा कि जैसे बीजेपी ने नूपुर शर्मा को छोड़ा था। उसी तरह से बीजेपी ने कंगना रनौत से भी किनारा कर लिया है।
हरियाणा विधानसभा पर क्या असर
दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है। किसान आंदोलन की वजह से पांच सीटों का नुकसान झेल रही बीजेपी विधानसभा चुनाव में ऐसी कोई गलती नहीं दोहराना चाहती है। हरियाणा में जाट वोट 25 फीसदी है। यानी हरियाणा में चार में से एक वोट जाट समुदाय से आता है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पांच सीट का नुकसान देखने को मिला थाय़ इसके पीछे जाट वोटर्स की नाराजगी थी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 27 फीसदी जाट वोट मिला और 23 फीसदी वोटों का नुकसान झेलने को मिला। इससे इतर कांग्रेस को 64 फीसदी जाट वोट मिला और 31 फीसदी का फायदा हुआ। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से 36 पर जाट वोट निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।
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