Waqf की जमीन अब खिसकने वाली है, मोदी ने खेला ऐसा खेल, मुस्लिमों में ही पड़ गई फूट

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अभिनय आकाश । Aug 8 2024 2:33PM

क्या वक्फ बोर्ड में तब्दिली का असर मुस्लिम धर्म स्थलों के स्टेटस पर पड़ सकता है। भारत में रक्षा मंत्रालय और रेलवे के बाद सबसे बड़ा भू-स्वामित्व वक्फ बोर्ड ही है। सबसे ज्यादा जमीन उन्हीं के पास है।

सियासी गलियारों में बीते एक हफ्ते से इस बात की सुगबुगाहट तेज हो चली थी कि सरकार वक्फ बोर्ड को लेकर कुछ बड़ा करने वाली है। कहा जा रहा था कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड को लेकर नया बिल लाने वाली है जिसे 40 संशोधन के साथ सदन के पटल पर रखा जाएगा। पहले खबर आई कि इसे पहले राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चल पड़ा। लेकिन तमान अटकलों, अनुमानों और बयानों के बीच आखिरकार मोदी सरकार ने लोकसभा में वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 पेश कर दिया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। विधेयक, पारित होने पर, सरकार को वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने में एक बड़ा अधिकार देगा, और विपक्षी सांसदों ने इसे असंवैधानिक और कठोर बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक कठोर और संविधान पर मौलिक हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक समुदायों के बीच धार्मिक विभाजन और नफरत पैदा करेगा।

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ताजमहल को लेकर वक्फ ने किया था दावा 

वक्फ और वक्फ की संपत्तियों को लेकर हिंदुस्तान में गाहे बगाहे चर्चा होती रहती है। आपको वो विवाद भी याद होगा जब ये बहस तेज चल पड़ी थी कि ताजमहल वक्फ संपत्ति है या नहीं। साल 2018 में सुन्नी वक्‍फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमारे पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि ताजमहल को हमारे नाम किया गया था। लेकिन इसके इस्तेमाल को लेकर ये कहा जा सकता है कि ये वक्‍फ की संपत्‍त‍ि है। यदा कदा किसी मुस्लिम धर्म स्थल से जुड़े विवादों में भी सबसे पहले यही तय किया जाता है कि अमुख इमारत वक्फ की है या नहीं? अब तो वक्फ बोर्ड एक्ट में ही बदलाव को लेकर नया  बिल लाया गया है। हममें से ज्यादातर लोगों ने वक्फ सुना तो है लेकिन जानते नहीं हैं कि वक्फ होता क्या है? किसी मस्जिद या दूसरे धर्म स्थल के वक्फ होने का मतलब क्या है? क्या वक्फ बोर्ड में तब्दिली का असर मुस्लिम धर्म स्थलों के स्टेटस पर पड़ सकता है। भारत में रक्षा मंत्रालय और रेलवे के बाद सबसे बड़ा भू-स्वामित्व वक्फ बोर्ड ही है। सबसे ज्यादा जमीन उन्हीं के पास है। 

पैगंबर मोहम्मद के समय 600 खजूरों का एक बाग पहला उदाहरण

वक्फ अरबी भाषा के वकूफा से बना शब्द है जिसका अर्थ ठहरना होता है। वक्फ एक ऐसी संपत्ति होती है जो जनकल्याण को समर्पित हो। इस्लाम के मुताबिक वक्फ दान का ही एक तरीका है। देने वाला चल या अचल दोनों तरह की संपत्ति दान कर सकता है। यानी एक साइकिल से लेकर बहुमंजिला इमारत कुछ भी वक्फ हो सकता है  बर्शते वो जनकल्याण के मकसद से दान किया गया हो। ऐसे दान दाताओं को वाकिफ कहा जाता है। वाकिफ ये तय करता है कि जो दान दिया गया है उदाहरण के लिए कोई इमारत तो उससे होने वाली आमदनी का इस्तेमाल कैसे होगा। वाकिफ ये तय करता है कि अमूख वक्फ से होने वाली कमाई गरीबों पर ही खर्च हो। मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद के समय 600 खजूरों का एक बाग बनाया गया था जिससे होने वाली आमदनी से मदीना के लोगों की मदद की जाती थी। ये वक्फ के सबसे पहले उदाहरण में से एक है। भारत में इस्लाम के आगमन के साथ ही यहां भी वक्फ के उदाहरण मिलने लगे। दिल्ली सल्तनत के वक्त से वक्फ संपत्तियों का लिखित जिक्र मिलता है। उस जमाने में ज्यादातर संपत्तियां बादशाह के पास होती थी और वही वाकिफ होते थे और वक्फ कायम करते थे। 

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मुस्लिम शासन के तहत वक्फ

भारत में मुस्लिम शासन के आगमन के साथ, वक्फ की अवधारणा पेश की गई। इस देश में सम्पूर्ण मुग़ल एवं सल्तनत काल में वक्फ प्रबंधन प्रकृति में बहुत ही धार्मिक रूप से केंद्रीकृत रहा। भारत में वक्फ का इतिहास दिल्ली सल्तनत की शुरुआत से है। जब सुल्तान मुइज़ुद्दीन सैम ग़ौर ने जामा के पक्ष में दो गाँव समर्पित किये। मुल्तान की मस्जिद और उसका प्रशासन शेखुल इस्लाम को सौंप दिया गया। दिल्ली के रूप में भारत में सल्तनत और बाद में इस्लामी राजवंशों का विकास हुआ। मुस्लिम काल के दौरान, फ़िरोज़ शाह तुगलक शासन (1351 से 1388) में वक्फ को संगठित करने के प्रयास किये गये। फ़िरोज़ शाह तुगलक के शासनकाल के दौरान था वक्फनामा (बंदोबस्ती कर्म) बनाने की प्रथा भारत में फली-फूली। इस्लामी स्वर्ण युग के दौरान, वक्फ संस्थाओं ने इस्लामी छात्रवृत्ति और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

पहली बार कब आया था वक्फ बिल?

1954 में केंद्र सरकार ने वक्फ बिल पारित किया था। फिर 1964 में केंद्रीय वक्फ काउंसिल बनी। 1995 में हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड के गठन की इजाजत देने के लिए कानून में संशोधन किया गया। 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने एक्ट में संशोधन कर वक्फ बोर्ड की शक्तियां और बढ़ा दी। इसके अलावा, 1954 और उसके बाद के अधिनियमों के माध्यम से, वक्फ की अवधारणा के माध्यम से वक्फ की परिभाषा में उपयोगकर्ता एवं वक्फ-अलल-औलाद को जोड़ा गया। कौन सी संपत्तियां स्पष्ट रूप से विशेष रूप से इसके लिए समर्पित नहीं की गई हैं धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों को भी वक्फ माना गया है। इस प्रकार, कुछ संपत्तियाँ, जहाँ दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है, एक प्रमाण मात्र से वास्तविक समर्पण को भी वक्फ माना जाता है

एनडीए सरकार ने पहले क्या कदम उठाए थे? 

इससे पहले भी केंद्र की एनडीए सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति पर दावा करने के व्यापक अधिकार दिए जाने के बारे में संज्ञान लिया था। ज्यादातर राज्यों में ऐसी संपत्ति के सर्वेक्षण में देरी का भी सरकार ने संज्ञान लिया था। पिछली एनडीए सरकार में वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए निरगानी की प्रक्रिया में डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट को भी शामिल करने पर विचार किया गया था। 

संशोधन बिल के प्रमुख बिंदु क्या हैं?

प्रस्तावित बिल में सरकार ने 40 संशोधन किए हैं। सच्चर कमिटी ने अपनी सिफारिशों में राजस्व के साथ-साथ वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के मैपिंग की जरूरत पर जोर दिया था। बिल में वक्फ शब्द को कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले और ऐसी संपत्ति के मलिकाना हक वाले व्यक्ति द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा। वक्फ संपत्ति उत्तराधिकार में महिलाओं को भी ऐसी संपत्तियों का उत्तराधिकारी बनाने की बात है। वक्फ संपत्तियों के सर्वे के लिए जिला कलेक्टर स्तर अधिकारी फैसला लेगा। वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति जिला मैजिस्ट्रेट के दफ्तर में रजिस्टर्ड करानी होगी, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन हो सके। वक्फ बोर्ड के रेवेन्यू की जांच हो सकेगी।

विवाद की वजह

वक्फ ऐक्ट में बदलाव के लिए लाए जा रहे बिल को लेकर विवाद का सबसे बड़ा बिंदु वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। उनके बीच तालमेल के लिए केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाया गया। यह वक्फ बोर्डो के कामकाज के मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देता है। वर्ष 1995 में वक्फ ऐक्ट में बदलाव भी किया गया और हर राज्य केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की मंजूरी दी गई। देश के सभी वक्फ बोर्ड के पास फिलहाल 8 लाख एकड़ जमीन है। साल 2009 में यह संपत्ति 4 लाख एकड़ हुआ करती थी। इन जमीनों में ज्यादातर हिस्सों में मस्जिद, मदरसा और कब्रिस्तान हैं। दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं। अचल सपंत्ति के लिहाज से देखा जाए तो वक्फ बोर्ड देश में रेल और सेना के बाद तीसरे सबसे बड़े जमीन के मालिक हैं। संशोधन बिल में प्रावधान है कि वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ अब हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है। यह प्रावधान अब तक नहीं था।

किसी भी इस्लामिक देशों में संस्था को इतनी शक्ति नहीं

इस संशोधन की तैयारी लोकसभा चुनाव से पहले से ही हो गई थी। कहा जा रहा है कि सऊदी अरब सहित किसी भी इस्लामिक देशों में इस तरह की संस्था को इतनी असीमित शक्तियां नहीं दी गई है। बीजेपी इन संशोधनों को गरीब मुस्लिमों के हक में बता रही है। एक नेता ने कहा कि किसी की संपत्ति को अगर वक्फ क बोर्ड वक्फ की संपत्ति मानता है तो विवाद होने पर फैसला भी वक्फ बोर्ड ही करता है, जिससे गरीब मुस्लिम का हक मारा जाता है। असीमित शक्तियों को कंट्रोल करना गरीबों के हक का फैसला होगा।

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