NSDL की कार्रवाई, अडानी के अरबों रुपए का डूबना और हर्षद मेहता का पर्दाफाश करने वाली सुचेता दलाल का ट्रेंड करना, क्या है पूरी कहानी?
एनएसडीएल ने तीन ऐसे विदेशी निवेशकों के एकाउंट फ्रीज कर दिए हैं जिन्होंने अडानी ग्रुप के शेयरों में 43 हजार 500 करोड़ रुपए के शेयर खरीद रखे थे। तीनों निवेशक फॉरेन एफपीआई मॉरीशस के रास्ते भारत में पैसा लगाते हैं। जो बात कही नहीं गई लेकिन बाजार में समझी गई कि तीनों पर कुछ गड़बड़ी करने का शक है।
1992 में एक पत्रकार ये बताने की कोशिश करता है कि बैंक से 4000 करोड़ का घोटाला हुआ है। हर्षद मेहता का नाम उन दिनों कितना बड़ा रहा होगा इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पत्रकार उसका नाम लेने से पहले पसीना-पसीना हो चुका है। वैसे तो ये हंसल मेहता की वेब सीरीज ‘स्कैम 1992’ का एक सीन है। लेकिन हर्षद मेहता पर बनी ये वेब सीरीज देबाशीश बासु और सुचेता दलाल की किताब ‘द स्कैम’ पर आधारित है। वही सुचिता दलाल जो अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों Shares में हुई इस गिरावट की खबरों के बीच इन दिनों टविटर पर लगातार ट्रेंड कर रही हैं। ट्विटर पर ट्रेंड करा रहे कई लोग अडानी ग्रुप के शेयरों में कमी का कारण सुचेता दलाल के ट्वीट्स को बता रहे थे। सुचेता दलाल ने यह नहीं बताया कि घोटाला क्या था। हालांकि, अदाणी समूह में निवेश किए गए तीन एफपीआई के शेयर फ्रिज गए हैं। इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ा है।
कुछ ही घंटों में गौतम अडानी की शुद्ध संपत्ति कम कैसे हो गई
गौतम अडानी की हर कंपनी के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। हालात ये हैं कि उनकी 6 में से 5 कंपनियों में तो लोअर सर्किट भी लग गया है। ये वही अडानी ग्रुप है जिसके मुखिया गौतम अडानी जो दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तेज गति से ऊपर की तरफ बढ़ रहे हैं। अमीरों की आई आखिरी लिस्ट के हिसाब से वो भारत में मुकेश अंबानी से ही पीछे रह गए थे। अगर यही रफ्तार रहती तो जल्द ही वो मुकेश अंबानी को पीछे भी छोड़ सकते थे। लेकिन 14 जून गौतम अडानी की कंपनियों के काला सोमवार रहा। जब सुबह होते ही खबर आई की एनएसडीएल ने तीन ऐसे विदेशी निवेशकों के एकाउंट फ्रीज कर दिए हैं जिन्होंने अडानी ग्रुप के शेयरों में 43 हजार 500 करोड़ रुपए के शेयर खरीद रखे थे। ये तीनों निवेशक फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर(एफपीआई) मॉरीशस के रास्ते भारत में पैसा लगाते हैं। जो बात कही नहीं गई लेकिन बाजार में समझी गई कि तीनों पर कुछ गड़बड़ी करने का शक है।
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अडानी ग्रुप की छह कंपनियां बाजार में लिस्टेड हैं
अडानी इंटरप्राइजेज
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड
अडानी ट्रांसमिशन
अडानी पॉवर
अडानी ग्रीन एनर्जी
अडानी टोटल गैस लिमेटेड
अडाणी एंटरप्राइजेज बीएसई पर 24.99 फीसदी की गिरावट के साथ 1,201.10 रुपये पर, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन 18.75 फीसदी की गिरावट के साथ 681.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसके अलावा अडाणी ग्रीन एनर्जी पांच प्रतिशत गिरकर 1,165.35 रुपये पर, अडाणी टोटल गैस पांच प्रतिशत गिरकर 1,544.55 रुपये पर, अडाणी ट्रांसमिशन पांच प्रतिशत गिरकर 1,517.25 रुपये पर और अडाणी पावर 4.99 प्रतिशत गिरकर 140.90 रुपये पर आ गए।
क्या है एनएसडीएल
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) सरकार द्वारा साल 1996 में गठित की गई कंपनी है। यह पूंजी बाजार का डिपॉजिटरी यानी एक तरह का भंडारगृह है। यह निवेशकों के शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को डिमैटरियलाइज्ड यानी डिजिटल रूप में सुरक्षित रखती है। बता दें कि NSDL के द्वारा पैन कार्ड भी बनाया जाता है। यह पैन से जुड़े डेटा को भी संग्रहित रखती है. इसके पास करीब 261 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां हैं।
क्यों गिर रहे हैं अडानी की कंपनियों के शेयर?
इस भारी गिरावट की वजह है एनएसडीएल (एनएसडीएल) की तरफ से हुई कार्रवाई। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने तीन विदेशी फंड्स Albula Investment Fund, Cresta Fund और APMS Investment Fund के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं।
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पत्रकार सुचेता दलाल ट्विटर पर हुईं ट्रेंड
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में हुई इस गिरावट की खबरों के बीच बिजनेस पत्रकार सुचेता दिन भर ट्विटर पर ट्रेंड करती रहीं। सुचेता दलाल को ही वर्ष 1992 के हर्षद मेहता प्रतिभूति घोटाले का पता लगाने का श्रेय दिया जाता है। ट्विटर पर ट्रेंड करा रहे कई लोग अडानी ग्रुप के शेयरों में कमी का कारण सुचेता दलाल के ट्वीट्स को बता रहे थे। बिजनेस पत्रकार सुचेता दलाल ने ट्वीट किया, 'सेबी ट्रैकिंग सिस्टम के पास उपलब्ध सूचनाओं के ब्लैक बॉक्स के बाहर एक और घोटाला साबित करना मुश्किल है। यह अतीत के एक ऑपरेटर की वापसी है। जो सभी विदेशी संस्थाओं के माध्यम से लगातार एक समूह की कीमतों में हेराफेरी कर रहा है। उनकी विशेषता और एक पूर्व वित्तमंत्री। कुछ नहीं बदलता है!'
कौन हैं सुचेता दलाल
सुचेता दलाल ने भारत के सबसे बड़े शेयर घोटाले का भांडा फोड़ा था और इस वजह से पूरी दुनिया में उनकी एक अलग पहचान बनी थी। बता दें कि 1992 में सुचेता दलाल ने भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार के घोटाले का पर्दाफाश किया था। बता दें कि उस समय के स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता की सच्चाई को दुनिया के सामने लाई थीं जिससे कि सभी को यह पता चल सका कि हर्षद मेहता ने किस प्रकार से 4000 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। इनकी निडर पत्रकारिता के कारण ही इतने बड़े स्टॉक मार्केट के घोटाले से पर्दा उठा और हर्षद मेहता को सजा हुई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 2015 में मनीस्टाइल पत्रिका पर 100 करोड़ रुपए का मान-हानि केस दायर किया था। यहां बता दें कि एनएसी का यह आरोप था कि पत्रिका में उसकी छवि खराब की गई है और यह इल्जाम लगाया कि एनएससी ने अपने कुछ दलालों और व्यापारियों को उच्च आवृत्ति ट्रेडिंग के लिए सुविधा प्रदान की है जिससे उनको अन्य दूसरे दलालों के मुकाबले अधिक लाभ होगा।
सुचेता दलाल को मिलने वाले अवॉर्ड्स
साल आवार्ड किसने दिया
2006 पद्मश्री भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम
1992 चमेली देवी पुरस्कार मीडिया फाउंडेशन
1992 वुमन ऑफ सब्सटेंस डिग्री फेमिना
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शेयरों की कीमतों में छेड़छाड़ की जांच
अडानी ग्रुप के अलावा अनिल अंबानी ग्रुप के शेयरों में भी पिछले कुछ समय से तेजी दिख रही है। कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने 2019 में एफपीआई के लिए केवाईसी (KYC) डॉक्युमेंटेशन को पीएमएलए के मुताबिक कर दिया था। फंड्स को 2020 तक नए नियमों का पालन करने का समय दिया गया था। सेबी का कहना था कि नए नियमों का पालन नहीं करने वाले फंड्स का अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा। नए नियमों के मुताबिक एफपीआई को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी थी। इनमें कॉमन ऑनरशिप का खुलासा और फंड मैनेजर्स जैसे अहम कर्मचारियों की पर्सनल डिटेल शामिल थी।
अडानी ग्रुप की सफाई
इसके बाद अडानी ग्रुप ने प्रेस रिलीज जारी करके सफाई दी। रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट ने इन फंड्स के डीमेट खातो के स्टेटस के सबंध में 14 जून 2021 को एक लिखित कनफर्मेशन दिया है और स्पष्ट किया है कि इन फंड्स ने जिन डीमैट खातों में कंपनी के शेयर होल्ड किए हैं वो फ्रीज नहीं हुए हैं। अडाणी समूह ने कहा है कि उसके सभी शीर्ष शेयरधारकों के खाते सक्रिय हैं, वहीं एनएसडीएल ने भी समूह को भेजे ई-मेल में इन खातों के ‘सक्रिय’ होने की पुष्टि की है। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के साथ ही अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी टोटल गैस, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर ने शेयर बाजारों को बताया कि समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले निवेश कोषों अल्बुला इंवेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खातों को एनएसडीएल द्वारा फ्रीज करने की खबर ‘‘स्पष्ट रूप से भ्रामक है और जानबूझकर निवेशक समुदाय को गुमराह करने के लिए फैलाई गई है।’’ इन कंपनियों ने कहा, ‘‘इससे बड़े पैमाने पर निवेशकों को आर्थिक क्षति और समूह की प्रतिष्ठा को अपूरणीय नुकसान हो रहा है।’’ अडानी ग्रुप के इस बयान के बाद बाजार कुछ संभला औऱ गौतम आडानी को भी इसका लाभ हुआ। -अभिनय आकाश
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