मोदी सरकार की योजनाओं का दस्तावेज है ''विकास के पथ पर भारत''
पुस्तक में लेखक ने योजनाओं का संकलन मात्र नहीं किया है, अपितु उन योजनाओं की आवश्यकता को सरलता के साथ पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। योजना कब शुरू हुई, उसका उद्देश्य क्या है, बजट कितना है और परिणाम क्या प्राप्त हो रहे हैं, यह सब उन्होंने अपने प्रत्येक आलेख में समेटने का प्रयास किया है।
लेखक और मीडिया शिक्षक डॉ. सौरभ मालवीय की पुस्तक 'विकास के पथ पर भारत' मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का दस्तावेज है। यह पुस्तक सामान्य जन से लेकर उन सबके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी जो देश में चल रहीं लोक कल्याणकारी योजनाओं को समझना चाहते हैं। यह उन अध्येताओं, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए भी उपयोगी है, जो देश की जनता तक सरकारी योजनाओं को पहुँचाने का माध्यम बनते हैं। सरल और सहज भाषा में लिखी गई इस पुस्तक में युवा, महिला, किसान, गरीब, गाँव, शहर इत्यादि के विकास और सशक्तिकरण पर केंद्रित केंद्र सरकार की प्रमुख 34 योजनाओं को शामिल किया गया है। यह पूर्वाग्रह रखना अनुचित होगा कि मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने के उद्देश्य से यह पुस्तक लिखी गई है। लेखन ने मनोगत में पुस्तक की संकल्पना को स्पष्ट किया है- 'अकसर ऐसा होता है कि अज्ञानता और अशिक्षा के कारण लोगों तक सरकार की जन हितैषी योजनाओं की जानकारी नहीं होती है, जिसके कारण वे इन योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य यही है कि लोग उन सभी योजनाओं का लाभ उठाएं, जो सरकार उनके कल्याण के लिए चला रही है।'
पुस्तक में लेखक ने योजनाओं का संकलन मात्र नहीं किया है, अपितु उन योजनाओं की आवश्यकता को सरलता के साथ पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। योजना कब शुरू हुई, उसका उद्देश्य क्या है, बजट कितना है और परिणाम क्या प्राप्त हो रहे हैं, यह सब उन्होंने अपने प्रत्येक आलेख में समेटने का प्रयास किया है। महात्मा गाँधी अकसर कहते थे कि गाँव के बिना भारत का विकास नहीं हो सकता। यकीनन भारत को विकास के पथ पर तेज गति से आगे बढऩा है तो गाँव और किसान की चिंता करनी ही पड़ेगी। हम सिर्फ शहरों को 'स्मार्ट' बना कर देश नहीं बना सकते। भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है कि 'स्मार्ट सिटी' के साथ-साथ 'स्मार्ट विलेज' के प्रयास भी करने होंगे। यह बात वर्तमान केंद्र सरकार ने समझी है। किसानों की आय बढ़ाने का मसला हो या फिर गाँवों तक आधुनिक सुविधाएं पहुँचाने का मुद्दा, सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। गाँव और किसान के विकास के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं प्रारंभ की हैं। अपनी पुस्तक का नामकरण करते समय लेखक ने भी अनुभव किया होगा कि गाँव को प्राथमिकता में रखे बिना 'विकास के पथ पर भारत' नहीं बढ़ सकता। संभवत: इसलिए ही पुस्तक के पहले हिस्से में लेखक ने गाँव, किसान और कृषि को समर्पित नौ योजनाओं का विवरण दिया है। पुस्तक का आवरण पृष्ठ भी यही कहता है। राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परंपरागत खेती विकास योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम जैसी योजनाएं गाँव और किसान के जीवन को बेहतर बना रही हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ने अनेक बेघरों को घर दिए हैं तो अनेक लोगों के कच्चे मकान अब पक्के हो गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों को एक भरोसा दिया है। गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन की दो महत्वपूर्ण योजनाओं का विवरण भी पुस्तक में शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र में दीनदयाल अंत्योदय योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के महत्व को लेखक ने रेखांकित किया है।
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महिला सशक्तिकरण का ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की योजना 'बेटी बचाओ' को एक कदम आगे लेकर गए- 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ।' इसके अलावा मातृत्व वंदना योजना और महिला शक्ति केंद्र योजना की जानकारी भी शामिल की गई है। मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को जागरूक और सशक्त करने के पर्याप्त प्रयास किए हैं। तीन तलाक जैसी अमानवीय व्यवस्था को बंद करने के लिए सरकार ने कानून तक लागू कर दिया है। हालाँकि पुस्तक में तीन तलाक पर विस्तार से कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि यह कानून है, कोई योजना नहीं। किंतु, मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को सशक्त करने की एक योजना 'हज नीति' का विवरण मिलता है। सरकार की नयी हज नीति के कारण अब महिलाएं अकेले भी हज के लिए जा सकती हैं। बहरहाल, लेखक ने 'आयुष्मान भारत' और 'उज्ज्वला योजना' जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं पर भी महत्वपूर्ण आलेख तैयार किए हैं। इन दोनों योजनाओं के अब तक के परिणाम भी सराहनीय है। प्रमुख 34 योजनाओं के अतिरिक्त लेखक डॉ. सौरभ मालवीय ने पुस्तक प्रकाशित होते-होते कई और महत्वपूर्ण योजनाओं की अद्यतन जानकारी बुलेट प्वाइंट के रूप में दी है। निश्चित तौर उनके द्वारा किया गया यह प्रयास सामान्य लोगों को लाभ पहुँचाएगा। लेखक ने सरकार और जनता के बीच एक सेतु का निर्माण किया है।
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पुस्तक जिस समय आई है, वह भी अपने आप में महत्वपूर्ण है। संभवत: समय का चयन प्रकाशक की योजना में रहा हो। यह पुस्तक ऐसे समय में आई है, जब बार-बार यह प्रश्न उठाया जाता है कि मोदी सरकार ने पाँच साल में क्या किया? आपके सामने यदि कोई यह सवाल उठाए तो उसे डॉ. मालवीय की पुस्तक 'विकास के पथ पर भारत' पढऩे की सलाह दीजिएगा। पुस्तक नये भारत की उस तस्वीर को रखने में यथासंभव सफल होती है, जहाँ बेहतरी के लिए बुनियादी कदम उठाए जा रहे हैं। सकारात्मक ढंग से योजनाओं का प्रस्तुत किया गया है। योजनाओं में नुक्ता-चीनी करने के लिए वैसे भी अनेक लोग लगे हुए हैं। इस बीच, जनता को उन योजनाओं की जानकारी देने के प्रयासों का भी स्वागत होना चाहिए, जो योजनाओं जनता के लिए ही हैं। यह पुस्तक यश पब्लिकेशंस, दिल्ली से प्रकाशित है। 160 पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य 395 रुपये (साजिल्द) है।
पुस्तक- विकास के पथ पर भारत
लेखक- डॉ. सौरभ मालवीय
प्रकाशक- यश पब्लिकेशंस, दिल्ली
मूल्य- 395 रुपये (साजिल्द)
- लोकेन्द्र सिंह
(समीक्षक विश्व संवाद केंद्र, भोपाल के कार्यकारी निदेशक हैं।)
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