Vivah Muhurat 2024: साल 2024 में शादी के सबसे ज्यादा फरवरी में 20 दिन मुहूर्त, मई-जून में शुक्र अस्त के कारण नहीं बजेगी शहनाई

Vivah Muhurat 2024
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ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष 2024 में वर्ष 2023 की अपेक्षा 4 दिन विवाह मुहूर्त कम रहेंगे। खास बात यह है कि जो लोग गर्मी के मौसम में विवाह करने की सोच रहे हैं, उन्हें यह मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे।

सूर्य मकर राशि में आ चुके हैं। इसके साथ ही शादियों का सीजन फिर शुरू हो गया है। यह जनवरी से अप्रैल तक रहेगा। इसके बाद जुलाई में शादियों के मुहूर्त रहेंगे। शुक्र ग्रह अस्त हो जाने से मई और जून में शादियां नहीं हो पाएंगी। जुलाई से नवंबर के पहले हफ्ते तक देवशयन होने से मुहूर्त नहीं होंगे। फिर 12 नवंबर से 14 दिसंबर तक शादियों का सीजन रहेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 24 वर्ष बाद मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। इसकी वजह दोनों महीनों में शुक्र ग्रह का अस्त होना है। शुक्र उदित होने के बाद जुलाई में ही विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। ऐसी स्थिति वर्ष 2000 में भी बनी थी, तब भी मई और जून में कोई विवाह मुहूर्त नहीं था। वर्ष 2023 में 81 दिन विवाह मुहूर्त थे जबकि आगामी साल 2024 में 77 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे। सबसे ज्यादा शादियों के मुहूर्त फरवरी में 20 दिन रहेंगे।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष 2024 में वर्ष 2023 की अपेक्षा 4 दिन विवाह मुहूर्त कम रहेंगे। खास बात यह है कि जो लोग गर्मी के मौसम में विवाह करने की सोच रहे हैं, उन्हें यह मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसकी वजह इन दोनों माह में शुक्र ग्रह का अस्त होना है। इसके उदित होने के बाद जुलाई में ही मुहूर्त शुरू होंगे।

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जनवरी और मार्च में खरमास की वजह से कम मुहूर्त

जनवरी के पहले 15 दिनों में सूर्य धनु राशि में रहा। इस कारण धनुर्मास होने से शादियों के लिए मुहूर्त नहीं थे, लेकिन 16 तारीख से शादियों का सीजन फिर शुरू हो गया है। 31 जनवरी तक 9 विवाह मुहूर्त रहेंगे। फिर 12 मार्च तक शादियों के मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में आ जाएगा। इस कारण खर मास शुरू होगा जो 15 अप्रैल तक रहेगा। ज्योतिष के मुताबिक इस एक महीने में शुभ काम की मनाही होती है, इसलिए इन दिनों मुहूर्त नहीं होते हैं। इसके बाद अगला मुहूर्त 18 अप्रैल को रहेगा।

मई और जून 2024 में अस्त रहेंगे गुरु-शुक्र

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र अस्त का भी विचार किया जाता है। अच्छा शुक्र भोग विलास का नैसर्गिक कारक है और दांपत्य सुख को दर्शाता है। वहीं, गुरु कन्या के लिए पति सुख का कारक है। दोनों ग्रहों का शुभ विवाह हेतु उदय होना शास्त्र सम्मत है, विवाह के लिए शुक्र व गुरु ग्रह का उदित रहना जरूरी है। दोनों ग्रह विवाह के कारक हैं। इनके अस्त रहने पर विवाह नहीं होते हैं। 23 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त हो जाएगा, जो 29 जून तक अस्त रहेगा। 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएगा, जो 2 जून को उदित होगा, परंतु शुक्र अस्त ही रहेगा इस कारण से मई व जून माह में विवाह की शहनाई नहीं बजेंगी। सर्वाधिक मुहूर्त फरवरी में 20 दिन रहेंगे। सबसे कम 5- 5 दिन अप्रैल व अक्टूबर में होंगे।

इससे पहले 2000 में हुआ था ऐसा

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इससे पूर्व वर्ष 2000 में भी मई व जून मे शुक्र व गुरु ग्रह के अस्त रहने पर विवाह मुहूर्त नहीं थे। इससे भी पहले 1996 में मई से जुलाई के बीच इन तीन माह में केवल 5 दिन मुहूर्त निकले थे।

फरवरी 2024 में सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल अप्रैल में 5 दिन शादियों हो पाएंगी। वहीं, सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त फरवरी में 20 और जनवरी - दिसंबर में 10 दिन रहेंगे। इसके बाद मार्च में 9 दिन, जुलाई में 8 दिन, अक्टूबर में 6 दिन और नवंबर में 9 दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे।

शुक्र-गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होते

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर विचार किया जाता है। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है। इसलिए, इस दौरान कोई विवाह समारोह नहीं किया जाना चाहिए।

आईए भविष्यवक्ता और कुंडली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास से जानते है वर्ष 2024 के शुभ मुहूर्त

जनवरी: 16,17, 20 से 22, 27 से 31 (10 दिन)

फरवरी: 1 से 8,12 से 14,17 से 19,23 से 27,29 (20 दिन) 

मार्च: 1 से 7, 11,12 (9 दिन) 

अप्रैल: 18 से 22 ( 5 दिन) 

जुलाई: 3, 9 से 15 (8 दिन) 

अक्टूबर: 3, 7, 17, 21, 23, 30 (6 दिन) 

नवंबर: 16 से 18, 22 से 26, 28 (9 दिन) 

दिसंबर: 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)

(कुछ पंचांग में भेद होने के कारण तिथि घट बढ़ सकती है और परिवर्तन हो सकता है।)

-डॉ. अनीष व्यास

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक

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