Shani Vakri Gochar 2024: 29 जून से शनि चलेंगे वक्री चाल, इन राशियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Shani Vakri Gochar 2024
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शनिदेव को शांत व प्रसन्न करने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। इन ज्योतिष उपायों को करने से शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम होगा और शनिदेव के आशीर्वाद से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे।

आगामी 29 जून 2024 को शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं। वह 15 नवंबर 2024 तक इस स्थिति में रहेंगे। वक्री यानी की शनि 29 जून से अपनी उल्टी चाल चलेंगे और करीब 5 महीनों तक ऐसे रहेंगे। इस दौरान शनि कई राशियों के लिए प्रतिकूल फलदायी रहने वाली है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब कोई क्रूर ग्रह वक्री अवस्था में होता है, उसकी क्रूरता अधिक बढ़ जाती हैं। वहीं जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या चल रही है, उनके लिए शनि का वक्री होना प्रतिकूल हो सकता है।

ऐसे में अगले 5 महीनों तक इन विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए शनिदेव को शांत व प्रसन्न करना बेहद जरूरी है। शनिदेव को शांत व प्रसन्न करने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। इन ज्योतिष उपायों को करने से शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम होगा और शनिदेव के आशीर्वाद से आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन राशियों पर शनि के वक्री होने का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा।

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मेष राशि

मेष राशि पर शनिदेव की तीसरी दृष्टि पड़ने वाली है। इस दौरान मेष राशि के जातकों को न सिर्फ अपनी पर्सनल बल्कि प्रोफेशनल लाइफ में सावधानी बरतने की जरूरत है। कार्यों के प्रति अधिक सजग होने की जरूरत है, कोई भी फैसला बिना सोचे-समझे न करें। वहीं धन के लेन देन से बचना चाहिए, क्योंकि धन हानि की आशंका बन रही है। आपके जीवन से संतुष्टि गायब होने वाली है और सेहत का अधिक ध्यान रखने की जरूरत है।

सिंह राशि

सिंह राशि पर वक्री शनिदेव की सातवीं दृष्टि रहने वाली है। ऐसे में इन जातकों को नौकरी-पेशा में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यापारियों को कड़ी टक्कर मिल सकती है, जिसके कारण मानसिक तनाव आपको परेशान कर सकता है। वाहन चलाने के दौरान अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहीं आर्थिक मामलों पर भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि नियंत्रण से अधिक खर्च होने की संभावना है।

कर्क -वृश्चिक राशि

कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि के वक्री होने पर इन राशि के जातकों को अपने विचारों को अधिक स्पष्ट करने की जरूरत होगी। साथ ही इन्हें विवाद से दूर रहने की सलाह दी जाती है। परिवार में अनबन होने से पारिवारिक माहौल खराब हो सकता है। निवेश पर ध्यान दें और सावधानी के साथ पैसे खर्च करें। यदि बिना सोचे-समझे पैसे खर्च करते हैं, तो कर्ज लेने की स्थिति भी बन सकती है।

मकर-कुंभ और मीन राशि

बता दें कि मकर-कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ऐसे में शनि का वक्री होना इन जातकों की परेशानियों में इजाफा कर सकता है। इन जातकों के कार्यों में अड़चन पड़ सकती है और किसी करीबी से धोका मिलने की संभावना हैं। पारिवारिक मुद्दों को लेकर भी परेशानी बनी रह सकती है और मन में तरह-तरह के विचार आ सकते हैं। नौकरी और व्यापार में सोच समझकर काम करने की जरूरत है। हालांकि शनि के वक्री होने से कुंभ राशि के जातकों को अधिक नुकसान नहीं होगा। क्योंकि शनि कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं और कुंभ शनि की मूल त्रिकोण राशि है।

उपाय

शनिवार को शनिदेव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और तीन माला 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:' मंत्र का जाप करें।

इसके साथ ही अशुभ प्रभावों से बचने के लिए सीधे हाथ की मध्य उंगली में लोहे का छल्ला पहनें। यह छल्ला घोड़े की नाल का बना होना चाहिए।

शनिवार के दिन जरूरतमंदों व गरीबों को वस्त्र, भोजन और फल आदि दान करें। इसके अलावा गरीबों को लोहे का सामान, काले जूते, काले कपड़े, काला चना और सरसों का तेल आदि जैसी चीजों का दान करें।

हर शनिवार को तिल, तांबा और सरसों का तेल अर्पित करें और रोजाना 'शनि स्त्रोत' का पाठ करना चाहिए।

इसके अलावा शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए रोजाना काली चीटियों को शहद व चीनी खिलाएं। 

रामचरित मानस के सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

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