कुंडली में मौजूद है कालसर्प दोष तो करें ये उपाय, सभी कष्टों से मिलेगी राहत
जब कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच हों तो इसे कालसर्प योग कहते हैं। कालसर्प से जातक को जीवन कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे धन हानि होती है और वैवाहिक जीवन में भी बाधाएं आती हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच हों तो इसे कालसर्प योग कहते हैं। कालसर्प से जातक को जीवन कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे धन हानि होती है और वैवाहिक जीवन में भी बाधाएं आती हैं। आज के इस लेख में हम आपको कालसर्प योग से मुक्ति पाने के उपाय बताने जा रहे हैं -
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कालसर्प दोष से बचने के लिए सोमवार के दिन शिव मंदिर में जल और बेलपत्र चढ़ाएँ और सवा लाख बार 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शिव मंदिर में शिवलिंग पर रूद्राभिषेक करें और चांदी के नाग-नागिन चढ़ाएं। शिव मंदिर में जाकर नाग स्त्रोत का पाठ करें।
शनिवार के दिन तेल लगी रोटी काले कुत्ते को खिलाएं और कौए और गाय को भी रोटी डालें। ऐसा करने से कालसर्प दोष और पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
लाल किताब के अनुसार यदि कालसर्प दोष के कारण वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो तो अपनी पत्नी के साथ दोबारा विवाह कर लें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
घर में मोरपंख रखना बहुत शुभ माना जाता है। कालसर्प दोष के निवारण के लिए घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर मोरपंख रखें और सुबह-शाम इससे शिव जी को पंखा करें।
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कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए घर के मंदिर में लाल चंदन, सुपारी, मूंगा, कमलगट्टा पर कलावा लपेट कर रखें और पूजन करें।
गोमेद या चांदी की धातु से बनी नाग की आकृति वाली अंगूठी पहनने से भी कालसर्प दोष से होने वाली समस्याओं का निवारण होता है।
लाल किताब के अनुसार कालसर्प दोष के निवारण हेतु शनिवार के दिन बहते हुए जल में थोड़ा सा कोयला प्रवाहित करें। इसके साथ ही जटा वाला नारियल और मसूर की दाल को बहते हुए जल में प्रवाहित करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
- प्रिया मिश्रा
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