Prabhasakshi Exclusive: North Korea ने South Korea Border पर बढ़ाया तनाव, क्या दुनिया जल्द ही एक और युद्ध देखने वाली है?
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने जो तस्वीरें वितरित कीं, उसके मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक एक अस्थायी गार्ड पोस्ट का निर्माण कर रहे हैं और पोर्टेबल एंटी-व्हीकल हथियार या हल्के तोपखाने के टुकड़े को नवनिर्मित खाई में ले जाते दिख रहे हैं।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि उत्तर कोरिया की ओर से दक्षिण कोरियाई सीमा पर गार्ड पोस्ट्स का निर्माण किये जाने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। क्या जल्द ही एक और युद्ध देखने को मिल सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल युद्ध के आसार तो नहीं दिख रहे हैं लेकिन अगर दोनों कोरियाई देशों के बीच तनाव बढ़ा तो युद्ध की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सियोल में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ अपनी सीमा पर गार्ड चौकियों का पुनर्निर्माण और भारी हथियार तैनात करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब हुआ है जब युद्ध को रोकने के लिए बनाए गए एक प्रमुख विश्वास-निर्माण समझौते से दोनों देश पीछे हट गये थे। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में दक्षिण कोरियाई सेना का हवाला देते हुए कहा गया है कि उसने उत्तर कोरिया के सैनिकों को गुप्त रक्षक चौकियों की मरम्मत करते हुए पाया था, जिन्हें शासन ने 2018 में एक व्यापक सैन्य समझौते के हिस्से के रूप में नष्ट कर दिया था।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दक्षिण की सेना ने कहा है कि उत्तर कोरियाई सैनिकों को सीमा से लगे स्थानों पर खाई खोदते हुए देखा गया था और शासन ने क्षेत्र में भारी हथियार भेजे थे। उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में 1950-53 के कोरियाई युद्ध की समाप्ति के बाद से दोनों देश विभाजित हो गये और इस क्षेत्र को भविष्य के किसी भी अंतर-कोरियाई संघर्ष में संभावित फ्लैशप्वाइंट के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों ने 2018 के समझौते के हिस्से के रूप में 11 गार्ड चौकियों को नष्ट या निरस्त्र कर दिया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की अवहेलना में उत्तर द्वारा पिछले मंगलवार को एक जासूसी उपग्रह के प्रक्षेपण से उत्पन्न तनाव में हाल ही में वृद्धि के बाद दोनों पक्ष समझौते को खत्म करने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जासूसी उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद सियोल ने कहा कि वह समझौते के कुछ हिस्सों को निलंबित कर देगा और सीमा के पास हवाई निगरानी फिर से शुरू करेगा। इसके जवाब में प्योंगयांग ने कहा कि वह सीमा के पास शक्तिशाली हथियार तैनात करेगा और समझौते से दूर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता दक्षिण कोरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति, मून जे-इन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के बीच मेल-मिलाप की अवधि के दौरान हुआ था जिसमें दोनों पक्षों ने सीमा के 1 किमी के भीतर गार्ड चौकियों को ध्वस्त करने, सैन्य अभ्यास और युद्धाभ्यास पर प्रतिबंध लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने पत्रकारों को जो तस्वीरें वितरित कीं, उसमें दिख रहा था कि उत्तर कोरियाई सैनिक एक अस्थायी गार्ड पोस्ट का निर्माण कर रहे हैं और एक पोर्टेबल एंटी-व्हीकल हथियार या हल्के तोपखाने के टुकड़े को नवनिर्मित खाई में ले जाते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने और अधिक उपग्रह लॉन्च करने की धमकी दी है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन है क्योंकि उनमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक शामिल है।
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