पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा के बीच क्यों छिड़ा है शीत युद्ध? ये हैं 5 मुख्य कारण
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने उम्मीदवार लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के प्रमुख के रूप में नियुक्त कर दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान नहीं चाहते थे कि लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को इस समय आईएसआई का प्रमुख बनाया जाए।
एक समय था जब पाकिस्तान के इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच दोस्ती हुआ करती थी। जनरल कमर जावेद बाजवा के सेना में कार्यकाल को बढ़वाने के लिए इमरान खान ने कानून बदल दिया था और बाजवा का कार्यकाल बढ़वा दिया था लेकिन अभी कुछ ही साल बीते हैं कि दोनों के बीच तनाव की खबरें आनी शुरू हो गय़ी। समय-समय में पाकिस्तान में सरकार और सेना के बीच आपसी तनाव देखने को मिला। डीजी आईएसआई चीफ को लेकर यह पूरा बवाल मचा हुआ है लेकिन इस शीत युद्ध में जनरल कमर जावेद बाजवा का पलड़ा भारी रहा और इमरान खान के हाथ कुछ नहीं लगा। चलिए चानते हैं कि कैसे शुरू हुआ बाजवा और इमरान खान के बीच विवाद।
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इमरान खान और बाजवा के बीच तनाव की वजह
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने उम्मीदवार लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के प्रमुख के रूप में नियुक्त कर दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान नहीं चाहते थे कि लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को इस समय आईएसआई का प्रमुख बनाया जाए। दरअसल इस समय पाकिस्तान और तालिबान के बीच नये सिरे से संबंध बन रहे हैं ऐसे में इमरान खान चाहते थे कि मौजूदा समय में जो वर्तमान प्रमुख है वह ही अपने स्थान पर बना रहे लेकिन जनरल बाजवा चाहते थे कि आईएसआई के प्रमुख को बदलने का यह सही समय है इस लिए नये व्यक्ति को आना चाहिए। दोनों के बीच इसी मुद्दे को लेकर कई बार हाई लेवल की मीटिंग्स भी हो चुकी है लेकिन नतीजे बेअसर हुए। अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने सैन्य दबदबे और राजनीतिक दोनों को दिखाते हुए लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को नया आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया और बाजवा के फैसले के आगे इमरान खान की एक नहीं चली।
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शीत युद्ध के कारण
आईएसआई प्रमुख को चुने जाने को लेकर हो रही सैन्य अधिकारियों और राजनेताओं के बीच हाई लेवल मीटिंग में पीएम खान के पास सेना प्रमुख की मांग को आगे बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। काफी समय से उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की फाइल को ऑफिस में रोक रखा था। तभी से दोनों के बीच विवाद उतपन्न होने की पाकिस्तान के अखबारों में खबरें थे।
इमरान खान ने कानून में परिवर्तन करके जनरल बाजवा के कार्यकाल का विस्तार करवाया लेकिन जब बारी आईएसआई के प्रमुख की आयी तो बाजवा ने उनकी एक नहीं सुनी। यह भी कारण बना जिसकी वजह से इमरान खान ने लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की फाइल रोकी।
जनरल बाजवा ने 29 नवंबर 2016 को पाक सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। 6 अक्टूबर, 2021 को, उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को डीजी, आईएसआई के रूप में प्रतिस्थापित किया और कराची वी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को हेड स्पूक नियुक्त किया।
तालिबान के आंतरिक मंत्री और वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी के खुले समर्थक रहे जनरल हमीद को पेशावर में XI कोर का कमांडर नियुक्त किया गया था। जनरल हमीद इमरान खान के काफी करीबी रहे हैं। वह उन्हें बदलना नहीं चाहते थे लेकिन बाजवा ऐसा नहीं चाहते थे।
जरनल बाजवा ने इमरान खान को साफ तौर पर चेताया था कि जनरल नदीम अंजुम का नाम नहीं बदला जा सकता। इमरान खान के पास देर से ही सही लेकिन उनकी बात मानने के अलावा कोई रास्ता नही था।
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