PoK छिनने के खौफ में पाकिस्तान ने उठाया कौन सा बड़ा कदम? मुनीर की सेना का खूंखार दस्ता हुआ एक्टिव

Munir
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अभिनय आकाश । Jun 29 2024 12:51PM

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग भारत का हिस्सा बनने को तड़प रहे हैं। वो पाकिस्तान की गुलामी वाली जंजीर तोड़ने को बेताब हैं। इन्हीं हालात ने शहबाज शरीफ और मुनीर की टेंशन बढ़ा दी है।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को लेकर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की घबराहट बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान को यकीन हो चला है कि भारत कभी भी उससे कब्जे वाला कश्मीर छीन सकता है इसलिए उसने बड़ा कदम उठाते हुए कब्जे वाले कश्मीर में फ्रंटियर कांसटब्लिटी यानी अर्धसैनिक बलों की छह टुकड़ी तैनात करने का फैसला किया है। हालांकि इस तैनाती के पीछे पाकिस्तान की दलील यहां होने वाले विरोध प्रदर्शन हैं। लेकिन असर डर पीओके छिनने का है। दरअसल, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग भारत का हिस्सा बनने को तड़प रहे हैं। वो पाकिस्तान की गुलामी वाली जंजीर तोड़ने को बेताब हैं। इन्हीं हालात ने शहबाज शरीफ और मुनीर की टेंशन बढ़ा दी है।

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शहबाज और मुनीर को चिंता सताने लगी है कि कहीं पीओके हाथ से फिसल न जाए। इसलिए पीओके को लेकर पाकिस्तान ने बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में फ्रंटियर कांसटेबलरी यानी अर्धसैनिक बलों की तैनाती करेगा। ये फैसला पीओके के प्रधानमंत्री अनवारुल हक और गृह मंत्री मोहसिन नकवी की मुलाकात के बाद किया गया। कहने को फ्रंटियर कांसटेबलरी अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ी है लेकिन इसे पाकिस्तान की आर्मी का खूंखार दस्ता माना जाता है। ये पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाने वालों से बेरहमी से निपटता है।

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मुद्रास्फीति और उच्च बिजली की कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) ने किया था और क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में व्यापारी इसमें सबसे आगे थे। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विवादित क्षेत्र के 'प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक की आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी से मुलाकात के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने कथित तौर पर कानून और व्यवस्था की स्थिति, मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य और साथ ही अगले वित्तीय वर्ष के लिए विवादित क्षेत्र के बजट पर चर्चा की।

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