Prabhasakshi Exclusive: Iran से भिड़ने के लिए क्यों आतुर हो रहा है Taliban, तेहरान पर हमले के लिए क्यों तैयार किये जा रहे हैं Suicide Bombers?

taliban
Prabhasakshi

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अफगानिस्तान और ईरान के सीमायी क्षेत्रों को देखेंगे तो वहां पहले से आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के गृह युद्ध में फंसे होने के बाद से बड़ी आबादी ईरानी क्षेत्रों में पलायन कर गयी।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि तालिबान का ईरान के साथ जल को लेकर क्या विवाद है? इस तरह की रिपोर्टें हैं कि तालिबान ईरान के लिए आत्मघाती हमलावर तैयार कर रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दरअसल जलवायु परिवर्तन के असर से जब पूरी दुनिया प्रभावित है तो अफगानिस्तान कैसे बच सकता है। अफगानिस्तान काफी समय से सूखे का सामना कर रहा है। वहां की सबसे बड़ी नदी है हेलमंद जोकि हिंदू कुश पहाड़ियों से होकर गुजरती है। इस नदी का एक भाग ईरान भी जाता है। ईरान का आरोप है कि जबसे अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का कब्जा हुआ है तबसे जल समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है और ईरानी क्षेत्रों में जल की आपूर्ति कम कर दी गयी है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अफगानिस्तान और ईरान के सीमायी क्षेत्रों को देखेंगे तो वहां पहले से आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के गृह युद्ध में फंसे होने के बाद से बड़ी आबादी ईरानी क्षेत्रों में पलायन कर गयी जिससे ईरान के संसाधनों पर दबाव भी पड़ा है। ईरान चाहता है कि उसे और पानी मिले लेकिन तालिबान शासन मना कर रहा है। ईरान के सामने मुश्किल यह है कि एक ओर उसने तालिबान शासन को मान्यता नहीं दे रखी है लेकिन दूसरी तरफ वह पानी के लिए उससे बात भी करना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस साल मई में ईरानी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान को जल आपूर्ति समझौते का सम्मान करने या परिणाम भुगतने की जो चेतावनी दी थी उसने दोनों देशों के संबंध को बिगाड़ने का काम किया।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: China में Deflation ने रखा कदम, आने वाली है बहुत बड़ी आर्थिक सूनामी, पाई-पाई के लिए तरस सकता है ड्रैगन

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि तालिबानी वैसे भी कार्यालयों में बैठकर काम करने के आदी नहीं हैं। वह तो लड़ाकों को प्रशिक्षण देने या लड़ते रहने के लिए ही बने हैं इसलिए वह भी ऐसे किसी मौके की तलाश में थे जहां दमखम दिखाया जा सके। उन्होंने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति की चेतावनी के लगभग एक सप्ताह बाद, सीमा पर झड़प हुई थी जिसमें दो ईरानी गार्ड और एक तालिबानी की मौत हो गई थी। इसके बाद तालिबान ने क्षेत्र में हजारों सैनिक और सैंकड़ों आत्मघाती हमलावर भेजे और ईरान को कह दिया कि वह युद्ध के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देखा जाये तो तालिबानी जिस तरह से अपने पड़ोसियों- ईरान और पाकिस्तान से लगातार झगड़ रहे हैं उससे यह क्षेत्र और अस्थिर हो रहा है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अफगानिस्तान की सबसे लंबी हेलमंद नदी का पानी कृषि के लिए महत्वपूर्ण है और सीमा के दोनों ओर लाखों लोग इसका उपयोग करते हैं। ईरान का तर्क है कि तालिबान ने सत्ता में आने के बाद से पानी की आपूर्ति कम कर दी है और सौदेबाजी पर उतर आया है। जबकि तालिबान का कहना है कि यह समस्या केवल सूखे के कारण हुई और अफगानिस्तान समझौते का सम्मान करता है। लेकिन कूटनीति के बावजूद, तालिबान युद्ध के लिए भी तैयार है। विदेशी मीडिया रिपोर्टें बताती हैं कि आत्मघाती हमलावरों को तैयार कर लिया गया है और उनकी तैनाती तक कर दी गयी है। साथ ही इस बात की भी तैयारी है कि यदि ईरान के साथ युद्ध होता है तो कैसे अमेरिका द्वारा छोड़े गए सैंकड़ों सैन्य वाहनों और हथियारों का उपयोग करना है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़