उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच क्या है दुश्मनी की वजह? आखिर क्यों दोनों के बीच हथियारों की होड़ हुई तेज
किम जोंग उन के लगातार मिसाइल परीक्षण के बीच दक्षिण कोरिया ने अपनी किलर पनडुब्बी से बलिस्टिक मिसाइल दागकर करारा जवाब दिया है। दक्षिण कोरिया अब दुनिया का ऐसा 7वां देश बन गया है जिसके पास यह बेजोड़ क्षमता है।
बीते दिनों एक खबर आई कि नॉर्थ कोरिया की तरफ से लॉन्ग रेंज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। खबरों की माने तो इस क्रूज मिसाइल ने करीब 15 हजार किलोमीटर दूर अपने लक्ष्य पर सटीक वार किया। किम जोंग उन के लगातार मिसाइल परीक्षण के बीच दक्षिण कोरिया ने अपनी किलर पनडुब्बी से बलिस्टिक मिसाइल दागकर करारा जवाब दिया है। दक्षिण कोरिया अब दुनिया का ऐसा 7वां देश बन गया है जिसके पास यह बेजोड़ क्षमता है। इस परीक्षण के अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन भी टेस्ट को देखने के लिए वहां मौजूद थे। इन दोनों देशोंके बारे में तो आपने कई बार सुना होंगा और दोनों के बीच की अदावत के चर्चे और एक-दूसरे को धमकी देने की बाते भी सुनी होगी। लेकिन आपको पता है कि ये दोनों पहले एक ही हुआ करते थे। जिनके नाम के आगे उत्तर या दक्षिण नहीं हुआ करता था बल्कि उसे कोरिया के नाम से जाना जाता था। लेकिन वक्त के साथ ऐसा दौर आया कि दोनों देशों का विभाजन हो गया और उत्तर कोरिया व दक्षिण कोरिया नाम के दो देश बन गए। इसके साथ ही दोनों के बीच की दुश्मनी भी इतनी गहरी हो गई कि दोनों एक-दूसरे को फूटी-आंख नहीं पसंद करते। ऐसे में आपको बताते हैं कि क्या है दोनों की दुश्मनी की कहानी और ताकत के मामले में कौन कहां ठहरता है।
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जापान की गुलामी से आजादी और कोरिया का विभाजन
कोरिया की कहानी शुरू होती है उस दौर से जब वहां सिला राजवंश का शासन हुआ करता था। 900 साल के सिला शासन काल में कोरियाई द्वीप चीन और जपान से अलग दुनिया के नक्शे पर अपनी अलग पहचान रखता था। 20वीं सदी के दौरान सिला राजवंश की पकड़ कोरिया से ढीली हुई और 1910 में जापान ने इस पर कब्जा कर लिया। 1939 से 1945 तक चले दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिकी दुश्मनी जापानियों को भारी पड़ी और इस युद्ध में बुरी तरह हारने के साथ ही जापान हथियार डालने पर मजबूर हुआ। इसी घटना ने कोरिया के 36 सालों की गुलामी से आजाद होने के दरवाजे खुल गए। कोरिया को जापान से आजादी तो मिल गई पर जापान के कोरिया छोड़ते ही कोरिया में गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए। आज़ादी के लिए बने गुट अब दो अलग अलग पावर सेंटर में बंट गए थे। कोरिया के उत्तरी हिस्से पर अपना कब्ज़ा जमाए किम इल संग के कम्युनिस्ट गुट को सोवियत संघ का समर्थन हासिल था। जिसके बाद कोरिया का विभाजन हो गया और एक उत्तर कोरिया कहलाया और दूसरा दक्षिण कोरिया के नाम से जाना गया।
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दक्षिण कोरिया के हथियार
- सितंबर 2017 में दक्षिण कोरिया को मजबूत बनाने के इरादे से ट्रंप ने मिसाइल पेलोड क्षमताओं पर से प्रतिबंध हटाने को 'सिद्धांतिक' मंजूरी दे दी।
- 2020 में दक्षिण कोरिया ने घोषणा की थी कि दो टन आयु्ध के साथ वह एक नया कम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल हायुनमू-4 को तैयार कर रहा है।
- दक्षिण कोरिया के 2022-2026 के रक्षा बजट के ब्लू-प्रिंट में नई मिसाइलों को विकसित करने की बात कही गई ।
- सितंबर 2021 में दक्षिण कोरिया ने पानी के भीतर प्रक्षेपित अपने पहले मिसाइल का परीक्षण किया है।
नॉर्थ कोरिया भी दिखा रहा दम
- उत्तर कोरिया ने साल 1980 में पहला परमाणु फैसिलिटी केंद्र बनाया।
- साल 1994 तक उत्तर कोरिया ने एक या दो परमाणु हथियार भी बना लिए
- साल 2006 में उत्तर कोरिया ने भूमिगत न्यूक्लियर टेस्ट को भी अंजाम दिया।
- साल 2013 और 2016 में दोबारा उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया।
- साल 2017 में उत्तर कोरिया ने छठा न्यूक्लियर टेस्ट किया।
- सितंबर 2021 में नॉर्थ कोरिया की तरफ से लॉन्ग रेंज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।
क्रूज मिसाइल विकसित करने में लगा उत्तर कोरिया, दो दिन पहले भी किया लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल का परीक्षण#NorthKorea #missile #KimJongUn #DonaldTrump pic.twitter.com/nHMjGau2gn
— Prabhasakshi (@prabhasakshi) September 15, 2021
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