तालिबानी हमलों के डर की वजह से अफगानिस्तान में हुए सबसे कम मतदान
स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों में दर्शाया गया कि 3,736 मतदान केंद्रों से एकत्र आंकड़ों के अनुसार करीब 21 लाख 90 हजार मतों की गणना की गई। यदि ऐसा ही रुख बना रहता है तो कुल मतदान प्रतिशत करीब 25 प्रतिशत रहने की संभावना है।
काबुल। अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में हमलों और फर्जीवाड़े की आशंका के कारण पूर्ववर्ती तीन चुनावों की तुलना में संभवत: सबसे कम मतदान हुआ। अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शनिवार को पहले दौर का मतदान हुआ था। यह चुनाव तय करेगा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी दूसरी बार देश की कमान संभालेंगे या नहीं। तीन करोड़ 50 लाख की आबादी वाले देश में 96 लाख लोगों ने मतदान के लिए पंजीकरण कराया था। मतदान 4,905 मतदान केंद्रों पर हुआ।
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स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों में दर्शाया गया कि 3,736 मतदान केंद्रों से एकत्र आंकड़ों के अनुसार करीब 21 लाख 90 हजार मतों की गणना की गई। यदि ऐसा ही रुख बना रहता है तो कुल मतदान प्रतिशत करीब 25 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह मत प्रतिशत इससे पहले राष्ट्रपति पद के तीन चुनावों में सर्वाधिक कम है। वर्ष 2014 में मत प्रतिशत 50 प्रतिशत से थोड़ा कम था।
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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ‘‘अपनी लोकतांत्रिक आवाज का प्रयोग करने वाले अफगानिस्तान के लोगों’’ की सराहना की और ‘‘मत पत्रों के जरिए अपने नेताओं को चुनने की प्रतिबद्धता के लिए उन्हें बधाई’’ दी।
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