अमेरिकी सांसदों ने कहा: तालिबान के साथ अफगानिस्तान शांति समझौते में पारदर्शिता लाएं

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[email protected] । Aug 31 2019 12:52PM

अमेरिका के तीन सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने ट्रम्प प्रशासन से आश्वासन मांगा है कि वह तलिबान के साथ होने वाले किसी भी समझौते का पूरा पाठ कांग्रेस को उपलब्ध कराए। कांग्रेस के सदस्यों टॉम मालिनोवस्की, माइक गैलाघेर और ब्रैड शेरमैन ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिखकर यह लिखित प्रतिबद्धता मांगी कि तालिबान के साथ कोई ऐसा गोपनीय समझौता नहीं किया जाएगा, जिसे कांग्रेस के साथ साझा नहीं किया जाए।

वॉशिंगटन। अमेरिका के तीन सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने ट्रम्प प्रशासन से आश्वासन मांगा है कि वह तलिबान के साथ होने वाले किसी भी समझौते का पूरा पाठ कांग्रेस को उपलब्ध कराए। कांग्रेस के सदस्यों टॉम मालिनोवस्की, माइक गैलाघेर और ब्रैड शेरमैन ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिखकर यह लिखित प्रतिबद्धता मांगी कि तालिबान के साथ कोई ऐसा गोपनीय समझौता नहीं किया जाएगा, जिसे कांग्रेस के साथ साझा नहीं किया जाए। उन्होंने शुक्रवार को लिखे एक पत्र में यह भी आश्वासन मांगा कि कोई भी समझौता इसी शर्त पर किया जाए कि तालिबान पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठनों समेत सभी आतंकवादी सहयोगियों के साथ अपने संबंध तोड़ देगा और अफगानिस्तान सरकार एवं तालिबान के बीच समझौते की शर्त पर ही अमेरिकी बलों की वापसी होगी। 

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शेरमैन ने कहा कि हालांकि तालिबान के साथ गोपनीय तरीके से बात करना आवश्यक है लेकिन अमेरिका की विदेश नीति को प्रभावित करने वाले किसी भी समझौते को कांग्रेस से छुपाकर नहीं रखना चाहिए। कांग्रेस के सदस्यों ने यह भी पूछा कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी बलों को वाशिंगटन वापस लाया जाएगा या आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में उन्हें फिर से तैनात किया जाएगा।

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उन्होंने पूछा कि यदि उन्हें वापस बुलाया जाएगा तो अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र से गतिविधियों को अंजाम देने वाले दर्जनों आतंकवादी समूहों से देश को कैसे बचाया जाएगा और यदि उन्हें फिर से अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में तैनात किया जाता है तो इससे अमेरिकी बलों पर भार कैसे कम होगा या अमेरिकी करदाताओं का बोझ कैसे कम होगा?

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