अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बीच हिंसा की आशंका, दुकानों पर लोगों ने लगाए बोर्ड

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चुनाव के दिन हिंसा, लूटपाट और झड़प की आशंकाओं के बीच मैनहट्टन के पॉश फिफ्थ एवेन्यू की दुकानों के साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी दुकानदार सुरक्षा उपाय करते नजर आए और कर्मचारियों को देर रात तक दुकानों को तोड़फोड़ से बचाने के लिये उनके बाहर प्लाईवुड लगाते हुए देखा गया।

 न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की पूर्व संध्या पर अशांति और हिंसा की आशंका के बीच न्यूयॉर्क शहर के कई इलाकों में लग्जरी स्टोर चलाने वालों और छोटे कारोबार करने वालों ने अपनी दुकानों को बचाने के लिये उनके आगे प्लाईवुड लगा दिया है। व्हाइट हाउस के लिये डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच हो रही यह दौड़ अब तक की सबसे कड़वाहट और आरोप-प्रत्यारोप भरी मानी जा रही है। चुनाव के दिन हिंसा, लूटपाट और झड़प की आशंकाओं के बीच मैनहट्टन के पॉश फिफ्थ एवेन्यू की दुकानों के साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी दुकानदार सुरक्षा उपाय करते नजर आए और कर्मचारियों को देर रात तक दुकानों को तोड़फोड़ से बचाने के लिये उनके बाहर प्लाईवुड लगाते हुए देखा गया। यह कुछ ऐसा ही था जो जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद गर्मियों में हुए प्रदर्शनों के दौरान देखा गया था।

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अमेरिका में वैसे तो हर चार साल बाद राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव होते हैं लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनावों को “इलेक्शन ऑफ अ लाइफटाइम” करार दिया जा रहा है और बेहद कड़वाहट भरे चुनाव प्रचार के दौर के बाद इसे लेकर पूरे अमेरिका में अभूतपूर्व डर और बेचैनी है। न्यूयॉर्क शहर के महापौर बिल डी ब्लासियो ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पुलिस आयुक्त डेरमोट शिया से बात की है और फिलहाल हिंसा को लेकर किसी तरह का कोई खतरा जाहिर नहीं किया गया है। डी ब्लासियो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “स्वाभाविक रूप से हर कोई चुनावी नतीजों और उसके बाद क्या होगा, इसे लेकर चिंतत है।

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इस मौके पर मैं, लेकिन जोर देना चाहूंगा कि हमें कोई खास चुनौती नहीं दिखाई दे रही है। हम सभी तरह की चुनौतियों के लिये तैयार हैं। पिछले कुछ हफ्तों से काफी तैयारियां हो रही हैं।” चुनाव के दिन और उसके बाद हिंसा की आशंका और दुकानों पर सुरक्षा के लिये बोर्ड लगाए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर दुकान मालिक को अपना फैसला खुद करना होता है और वह प्रत्येक दुकानदार के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, “हम स्टोर मालिकों को ऐसा करने के लिये परामर्श नहीं दे रहे हैं, लेकिन अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से इसे समझ सकते हैं। मैं चुनाव के दिन और उसके बाद की स्थिति पर बात करना चाहता हूं। हर कोई इसके बारे में गहनता से सोच रहा है। हर कोई चिंतित है।” उन्होंने कहा कि शहर को इस बात के लिये तैयार रहना चाहिए कि जरूरी नहीं कि चुनाव के नतीजे मंगलवार रात या बुधवार तक 100 प्रतिशत स्पष्ट हो जाएं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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