ट्रम्प की धमकी के बाद UNESCO ने कहा:अमेरिका और ईरान को सांस्कृतिक स्थलों की रक्षा करनी चाहिए

UNESCO said after Trump's threat US and Iran should protect cultural sites
[email protected] । Jan 7 2020 11:35AM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाने वाले बयान से सोमवार को पेंटागन ने दूरी बना ली। राष्ट्रपति और पेंटागन प्रमुख के बीच यह मतभेद ऐसे वक्त सामने आया है जब ईरान केप्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत के बाद अमेरिका और तेहरान के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है।

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाने वाले बयान से सोमवार को पेंटागन ने दूरी बना ली। गौरतलब है कि इस तरह के हमलों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध है। रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि अमेरिका ‘‘सैन्य संघर्ष के नियमों का पालन करेगा’’।उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब यह होगा कि सांस्कृतिक स्थलों को निशाना नहीं बनाया जाएगा तो इस पर एस्पर ने कहा, ‘‘सैन्य संघर्ष का यही नियम है।’’

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राष्ट्रपति और पेंटागन प्रमुख के बीच यह मतभेद ऐसे वक्त सामने आया है जब ईरान के कुद्स बलों के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत के बाद अमेरिका और तेहरान के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है। एस्पर की सार्वजनिक तौर पर की गई टिप्पणी में अन्य रक्षा एवं सैन्य अधिकारियों की चिंता की झलक मिलती है, जो विशेष परिस्थितियों को छोड़कर धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों, असैन्य स्थलों पर हमलों को लेकर कानूनी प्रतिबंधों का हवाला देते हैं।

ट्रंप ने शनिवार को एक ट्वीट में सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाने की ओर संकेत दिया था और इसके अगले ही दिन संवाददाताओं से बातचीत में यही बात दोहराई थी। उन्होंने शनिवार को ट्वीट करके चेतावनी दी थी कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर ‘‘बहुत तेजी से और जोरदार हमला’’ करेगा। उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी, इसके बावजूद ट्रंप अगले दिन अपने बयान पर कायम रहे।

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ट्रम्प ने कहा कि उन्हें हमारे लोगों को मारने की अनुमति है। उन्हें हमारे लोगों का उत्पीड़न करने का अधिकार है। उन्हें सड़क किनारे बम विस्फोट करने और हमारे लोगों को उड़ाने की अनुमति है और हमें उनके सांस्कृतिक स्थलों को भी छूने का अधिकार नहीं है? ऐसा नहीं चलेगा। हेग संधि, 1954 कहती है कि देशों को सांस्कृतिक संपत्तियों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए और इस तरह की संपत्ति को लेकर की गई किसी भी शत्रुतापूर्ण गतिविधि से दूर रहना चाहिए।

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