आतंकी संगठनों के लिए समर्थन रोके जाने का दबाव बनाया जाना चाहिए: UN
भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद करने के लिए उनके समर्थकों पर दबाव बनाया जाना चाहिए और सभी पनाहगाह नष्ट किए जाने चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद करने के लिए उनके समर्थकों पर दबाव बनाया जाना चाहिए और सभी पनाहगाह नष्ट किए जाने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने उप स्थायी प्रतिनिधि तन्मय लाल ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की खुली बहस में कहा कि आतंकवादी अस्पतालों में बीमारों, स्कूलों में बच्चों, मस्जिदों में श्रद्धालुओं और अंतिम संस्कार में शोक व्यक्त कर रहे लोगों समेत कमजोर लोगों पर हमले कर रहे हैं। आतंकवादी समूहों ने क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।
लाल ने कहा, ‘‘तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, दाएश, अलकायदा और इससे जुड़े लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को अफगानिस्तान के बाहर से मिल रहे समर्थन को रोके जाने का दबाव बनाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान की सीमाओं के बाहर इस प्रकार के संगठनों की सभी पनाहगाहों को नष्ट किया जाना चाहिए। इस संबंध में हमारे सामूहिक हित के लिए सुरक्षा परिषद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।’’
लाल ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के लोगों और सुरक्षा बलों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, वह और लोगों के लिए उदाहरण है लेकिन बेहतर भविष्य की उम्मीद अब भी दूर प्रतीत होती है। हमारी नियमित सलाह और परिषद द्वारा किए गए काम जमीनी स्तर पर हालात में प्रभावशाली बदलाव करने के लिए काफी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि लंबे समय से यह स्पष्ट है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति का प्रभाव इस क्षेत्र ही में नहीं, बल्कि पूरे विश्व पर है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान के राजदूत महमूद सैकल ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से अंधाधुंध गोलाबारी को लेकर अफगानिस्तान के संयम की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन चिंताओं से निपटने के लिए आपसी वार्ता एवं संचालनात्मक समन्वय के अफगानिस्तान के प्रस्ताव को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के पास अपनी जमीन की रक्षा करने की इच्छा और ताकत है और हमारे संयम की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए।'
अन्य न्यूज़