UN ने COVID-19 महामारी से निपटने के लिए प्रयास तेज करने की अपील की
संयुक्त राष्ट्र ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए प्रयास तेज करने की अपीलकी है। इस प्रस्ताव में कोविड-19को फैलने से रोकने के वैश्विक प्रयासों कोसमन्वित करनेऔर संयुक्त राष्ट्र के 193सदस्य देशों की मदद करने में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की मूलभूत भूमिका की पुन:पुष्टि की गई है और इस संबंध में‘विश्व स्वास्थ्य संगठन कीअहम भूमिका को स्वीकार किया’’गया है।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए दवाओं, टीकों और चिकित्सकीय उपकरणों को विकसित करने, उनका निर्माण करने और उनका आकलन करने की गति को तेजी से बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाए जाने की अपील की है। मैक्सिको ने यह प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया गया है और सभी जरूरतमंदों, खासकर सभी विकासशील देशों के लोगों के लिए जांचों, चिकित्सकीय आपूर्ति, दवाओं एवं कोरोना वायरस से बचने के लिए भविष्य में बनने वाले टीकों तक समय पर एवं समान उपलब्धता सुनिश्चित करने के विकल्पों की सिफारिश की गई है।
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इस प्रस्ताव में कोविड-19 को फैलने से रोकने के वैश्विक प्रयासों को समन्वित करने और संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों की मदद करने में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की मूलभूत भूमिका की पुन: पुष्टि की गई है और इस संबंध में ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन की अहम भूमिका को स्वीकार किया’’ गया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन में सबसे पहले सामने आए संक्रमण को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए डब्ल्यूएचओ को दी जानी वाली निधि इस माह की शुरुआत में रोक दी थी और कहा था कि उसे ‘‘जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए’’ लेकिन अमेरिका ने इस प्रस्ताव को बाधित नहीं किया।
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वैश्विक महामारी के दौरान महासभा बैठक नहीं कर सकती, ऐसे में बनाए गए वोटिंग के नए नियमों के अनुसार मसौदा प्रस्ताव सदस्य देशों को भेजा जाता है। यदि कोई भी देश समससीमा समाप्त होने से पहले इस पर आपत्ति जताता है तो प्रस्ताव खारिज हो जाता है। महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद बंदे ने 193 संयुक्त राष्ट्र देशों को सोमवार रात पत्र भेजकर कहा कि प्रस्ताव को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। इस प्रस्ताव में सदस्य देशों से अनुचित भंडारण नहीं करने की अपील की गई है क्योंकि ‘‘इससे सुरक्षित, प्रभावी एवं किफायती आवश्यक दवाओं, टीकों, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों एवं चिकित्सकीय उपकरणों तक पहुंच बाधित हो सकती है’’। 170 देशों ने इस प्रस्ताव को प्रायोजित किया है। इसमें सदस्य देशों से इस बीमारी से निपटने के लिए मिलकर काम करने की अपील की गई है।
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