France में तेज हुआ किसान आंदोलन, दो जलवायु कार्यकर्ताओं ने ‘मोना लिसा’ की तस्वीर पर फेंका सूप

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सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में, ‘फूड रिपोस्टे’ छपी टी-शर्ट पहने दो महिलाओं को लियोनार्डो दा विंची की उत्कृष्ट कृति ‘मोना लिसा’ पर सूप फेंकते और पेंटिंग के करीब जाने के लिए एक अवरोधक के नीचे से गुजरते हुए देखा जा सकता है।

पेरिस। फ्रांस में रविवार को दो जलवायु कार्यकर्ताओं ने लौवर संग्रहालय में ‘मोना लिसा’ की तस्वीर पर सूप फेंका और एक स्थायी खाद्य प्रणाली की वकालत करते हुए नारे लगाए। जलवायु कार्यकर्ताओं ने फ्रांस के उन किसानों के प्रति समर्थन जताया, जो फसल के बेहतर दाम और अन्य समस्याओं के खिलाफ कई दिन से देशभर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

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सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में, ‘फूड रिपोस्टे’ छपी टी-शर्ट पहने दो महिलाओं को लियोनार्डो दा विंची की उत्कृष्ट कृति ‘मोना लिसा’ पर सूप फेंकते और पेंटिंग के करीब जाने के लिए एक अवरोधक के नीचे से गुजरते हुए देखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है? कला या भोजन का अधिकार?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा कृषि तंत्र बीमार है। हमारे किसान मर रहे हैं।’’

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इसके बाद वीडियो में संग्रहालय कर्मचारियों को आगंतुकों से कमरा खाली करने के लिए कहते देखा जा सकता है। अपनी वेबसाइट पर ‘फूड रिपोस्टे’ समूह ने कहा कि फ्रांस की सरकार अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को तोड़ रही है। गौरतलब है कि फ्रांस के किसान अपनी उपज के लिए बेहतर पारिश्रमिक पाने समेत अन्य मांगों को लेकर कई दिनों से पूरे देश में चक्का जाम कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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