काबुल एयरपोर्ट की योजना को लेकर अब तुर्की करेगा तालिबान से सीधे बात
तालिबान ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान से अन्य विदेशी बलों की वापसी के साथ तुर्की को भी अपने बलों को वापस बुला लेना चाहिए। तालिबान ने तुर्की के हवाईअड्डे के प्रस्ताव को निंदनीय कहा था।
इस्तांबुल। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मंलगवार को कहा कि उनका देश अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाईअड्डे के संचालन एवं सुरक्षा की तुर्की की कोशिश के संबंध में तालिबान से बातचीत करेगा। उत्तरी साइप्रस में ईद उल अजहा की नमाज के बाद एर्दोआन ने स्वीकार किया कि तालिबान हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए तुर्की की प्रस्तावित योजनाओं को लेकर थोड़ा ‘‘असहज’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया पर तालिबान के साथ चर्चा की जाएगी।’’ एर्दोआन ने कहा कि तालिबान ने पहले अमेरिका के साथ वार्ता की है और ‘‘उसके लिए तुर्की के साथ बात करना कहीं अधिक सहज होना चाहिए’’।
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह संभावना रखता हूं कि हम उनसे भी इन मामलों पर बात करेंगे और समझौता करेंगे, क्योंकि तुर्की उनकी मान्यताओं को लेकर विरोध नहीं रखता है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि तुर्की हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है। उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों की तैनाती का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘शाही शक्तियां’’ अफगानिस्तान में दशकों से हैं, जिनमें पिछले 20 वर्ष भी शामिल है। अमेरिका अफगानिस्तान से अपने बल वापस बुला रहा है। तालिबान ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान से अन्य विदेशी बलों की वापसी के साथ तुर्की को भी अपने बलों को वापस बुला लेना चाहिए। तालिबान ने तुर्की के हवाईअड्डे के प्रस्ताव को निंदनीय कहा था। एर्दोआन ने तालिबान से अपील की कि वह ‘‘अपने भाई-बहनों की भूमि पर कब्जा’’ समाप्त करे और उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अन्य मुसलमानों से जैसा व्यवहार करना चाहिए, अफगानिस्तान में तालिबान का रुख उसके अनुरूप नहीं है।
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