कर्फ्यू समाप्त होने और शांति स्थापित होने के बाद न्यूयॉर्क सिटी में हजारों ने मार्च किया
कोरोना वायरस के मद्देनजर तीन महीने से बंद पड़े शहर को फिर से खोलने के साथ ही कर्फ्यू भी हटा लिया जाएगा। रविवार को भी शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहे जहां हजारों प्रदर्शनकारियों ने मैनहट्टन में मार्च किया और “काले लोगों की जिंदगी मायने रखती है” तथा “जॉर्ज फ्लॉयड” जैसे नारे लगाए।
न्यूयॉर्क। पुलिस बर्बरता के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा अपने मार्च को जारी रखने के साथ ही पुलिस ने रविवार को शहर की सड़कों से अवरोधक हटा लिए ताकि ये प्रदर्शनकारी मैनहट्टन में ट्रंप इंटरनेशनल होटल और टावर पहुंच सकें। हालांकि इस बार रात में कर्फ्यू लगाए जाने का डर नहीं था। मेयर बिल डी ब्लासियो ने रविवार के कार्यक्रम से पहले शहर में रात आठ बजे से लगने वाले कर्फ्यू को हटा लिया। इससे पहले शनिवार की रात शांतिपूर्ण बीती जहां कोई झड़प नहीं हुई और न ही दुकानों में तोड़फोड़ की गई जबकि उससे पहली रात बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। डी ब्लासियो ने रविवार सुबह कहा, “मैं हर किसी को शुक्रिया कहना चाहता हूं जिन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से अपने विचार व्यक्त किए।” उन्होंने कहा, “मैंने कर्फ्यू समाप्त करने का फैसला किया है। और इमानदारी से कहूं, तो मुझे उम्मीद है कि यह अंतिम बार होगा जब हमें न्यूयॉर्क सिटी में कर्फ्यू लगाने की जरूरत पड़े।”
इसे भी पढ़ें: न्यूजीलैंड ने किया कोरोना वायरस का सफाया, अंतिम व्यक्ति भी संक्रमण मुक्त
न्यूयॉर्क में दशकों में पहली बार लगा कर्फ्यू कम से कम रविवार तक प्रभावी रहने वाला था और अधिकारियों की योजना थी कि कोरोना वायरस के मद्देनजर तीन महीने से बंद पड़े शहर को फिर से खोलने के साथ ही कर्फ्यू भी हटा लिया जाएगा। रविवार को भी शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहे जहां हजारों प्रदर्शनकारियों ने मैनहट्टन में मार्च किया और “काले लोगों की जिंदगी मायने रखती है” तथा “जॉर्ज फ्लॉयड” जैसे नारे लगाए। कर्फ्यू भले ही हटा लिया गया हो लेकिन अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से कोविड-19 की जांच कराने की अपील की। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्र्यू क्योमो ने रैली और मार्च में हिस्सा ले रहे लोगों से कहा, “कृपया जांच करवाएं।” उन्होंने कहा कि राज्य प्रदर्शनकारियों को समर्पित 15 परीक्षण केंद्र खोलेगा ताकि उन्हें जल्द इसकी रिपोर्ट प्राप्त हो जाए। क्योमो ने कहा, “अगर आप मास्क नहीं लगाएंगे तो मैं कार्रवाई करूंगा और आप जिन लोगों से बात करेंगे, मैं उनसे कहूंगा कि मानकर चलिए कि आप कोरोना संक्रमित हैं।” उधर, सिएटल शहर परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए उन पर मिर्ची स्प्रे और फ्लैश बैंग उपकरणों (तेज आवाज और रोशनी वाले उपकरण) का प्रयोग करने के लिए मेयर जेनी डुर्कन और पुलिस प्रमुख कारमेन बेस्ट की आलोचना की।
इसे भी पढ़ें: भारतीय अमेरिकी सामुदाय के नेता रमेश पटेल का कोविड-19 से निधन
इससे पहले ही डुर्कन और बेस्ट ने कहा था कि वे तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात अधिकारियों पर पत्थर, बोतलें एवं विस्फोटक फेंके गए। पुलिस ने ट्विटर के जरिए बताया कि कई अधिकारी इन हमलों में घायल हो गए। शहर में यह हिंसा प्रदर्शन के नौंवे दिन हुई। इससे पहले प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे थे। इस बीच, मिनियापोलिस शहर परिषद के सदस्यों ने रविवार को कहा कि वह शहर के पुलिस विभाग को समाप्त करने का समर्थन करते हैं। यह आक्रामक रुख तब अपनाया गया जब राज्य ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद नागरिक अधिकार जांच शुरू की। परिषद के 12 में से नौ सदस्य रविवार दोपहर शहर के एक उद्यान में रैली में कार्यकर्ताओं के साथ नजर आए और शहर में मौजूदा पुलिस प्रणाली को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई। परिषद के सद्स्य जेरेमिया एलिसन ने वादा किया कि परिषद विभाग को “खत्म” कर देगी। परिषद की अध्यक्ष लीसा बेंडर ने कहा, “यह साफ है कि हमारा पुलिस तंत्र हमारे समुदाय को सुरक्षित नहीं रख रहा है।” उन्होंने कहा, “व्यापक सुधार के हमारे प्रयास विफल हो गए हैं।” बेंडर्स ने यह भी कहा कि वे और आठ अन्य सदस्य जो रैली में शामिल हुए वे पुलिस बल के साथ शहर के रिश्ते को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और “पुलिस तंत्र के मौजूदा स्वरूप को समाप्त करने तथा ऐसी व्यवस्था तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमें असल में सुरक्षित रखे।
अन्य न्यूज़