श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणातिलक ने उपन्यास ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा’ के लिए 2022 बुकर पुरस्कार जीता

 Shehan Karunatilaka
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वर्ष 1992 में ‘द इंग्लिश पेशेंट’ के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले माइकल ओंडात्जे के बाद, करुणातिलक (47) सोमवार की रात लंदन में एक समारोह में साहित्यिक पुरस्कार के तौर पर 50,000 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (जीबीपी) की रकम जीतने वाले दूसरे श्रीलंकाई व्यक्ति बन गये हैं।

श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणातिलक को उनके दूसरे उपन्यास ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा’ के लिए 2022 का बुकर पुरस्कार विजेता घोषित किया गया है। वर्ष 1992 में ‘द इंग्लिश पेशेंट’ के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले माइकल ओंडात्जे के बाद, करुणातिलक (47) सोमवार की रात लंदन में एक समारोह में साहित्यिक पुरस्कार के तौर पर 50,000 ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (जीबीपी) की रकम जीतने वाले दूसरे श्रीलंकाई व्यक्ति बन गये हैं।

द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा अपने शीर्षक के फोटोग्राफर की कहानी है, जो 1990 में अपनी मौत के बाद स्वर्ग के वीजा कार्यालय की तरह प्रतीत होने वाली एक जगह पहुंचता है। वह यह नहीं जानता कि उसे किसने मारा, माली के पास उन लोगों से संपर्क करने के लिए सात चाँद हैं जिन्हें वह सबसे ज्यादा प्यार करता है। इसी दौरान वहां उसके हाथ गृहयुद्ध के अत्याचारों की तस्वीरों का एक जखीरा लगता है जो सामने आ जाएं तो देश को झकझोर कर रख देंगी।

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बुकर पुरस्कार 2022 के जूरी के अध्यक्ष नील मैकग्रेगर ने कहा, ‘‘जूरी ने ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा’ में जिस चीज की विशेष रूप से प्रशंसा की, वह थी इसकी महत्वाकांक्षा का दायरा और इसके कथानक को पेश करने का तरीका।’’ स्वतंत्र प्रेस ‘सॉर्ट ऑफ बुक्स’ द्वारा प्रकाशित ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा’ , गृहयुद्ध से घिरे श्रीलंका की जानलेवा तबाही के बीच जांच में मृत्यु के बाद के जीवन की पड़ताल करती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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