श्रीलंका में संसद के निकट पुलिस की कार्रवाई, सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे 12 लोगों को किया गिरफ्तार
मुख्य विपक्षी नेता साजित प्रेमदासा ने संसद को बताया कि प्रदर्शनकारी संसद के अध्यक्ष को एक पत्र सौंपने के लिए संसद के द्वार पर पहुंचे थे। पुलिस मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सांसदों के खिलाफ नारेबाजी की तथा उन्हें शोर कर भगाने का प्रयास किया जो संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन है।
कोलंबो। श्रीलंकाई पुलिस ने बुधवार को यहां संसद भवन के पास सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन करने और देश के सबसे खराब आर्थिक संकट से सही से न निपटने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के आरोप में 12 लोगों को गिरफ्तार किया। तख्तियां लेकर सांसदों के खिलाफ नारेबाजी करने वाले प्रदर्शनकारी जब संसद भवन के निकट पहुंचे तो ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें एक बस में बैठाकर पास के एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
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मुख्य विपक्षी नेता साजित प्रेमदासा ने संसद को बताया कि प्रदर्शनकारी संसद के अध्यक्ष को एक पत्र सौंपने के लिए संसद के द्वार पर पहुंचे थे। पुलिस मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सांसदों के खिलाफ नारेबाजी की तथा उन्हें शोर कर भगाने का प्रयास किया जो संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन है। हजारों छात्र कार्यकर्ताओं के संसद की ओर जाने वाली सड़क पर जमा होने के बाद ये गिरफ्तारियां की गई। यहां दंगा निरोधक पुलिस भी तैनात थी।
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वकीलों ने दावा किया कि पांच और छह मई को संसद के पास प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए अदालत का आदेश प्राप्त करने का पुलिस का प्रयास कडुवेला मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया था। इस बीच, कोलंबो मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के कार्यालय सह आवास ‘टेंपल ट्रेस’ के फुटपाथ पर रखे सभी ढांचों को हटाने का आदेश जारी किया है।
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