‘गे प्रतिबंध’ को लेकर सिंगापुर डीजे ने ‘टेडएक्स टॉक’ से अपना नाम वापस लिया
सिंगापुर के एक समलैंगिक डीजे ने एक शिक्षण संस्थान में ‘टेडएक्स टॉक’ से अपना नाम वापस ले लिया है क्योंकि उनसे अपने भाषण में लैंगिकता से संबंधित खंड में बदलाव के लिये कहा गया था। उन्होंने कहा कि वह अपने ‘‘संघर्षों और बलिदानों’’ को नहीं छिपायेंगे। सिंगापुर में समलैंगिकता को लेकर अब भी रूढ़ीवादी विचार हैं।
सिंगापुर। सिंगापुर के एक समलैंगिक डीजे ने एक शिक्षण संस्थान में ‘टेडएक्स टॉक’ से अपना नाम वापस ले लिया है क्योंकि उनसे अपने भाषण में लैंगिकता से संबंधित खंड में बदलाव के लिये कहा गया था। उन्होंने कहा कि वह अपने ‘‘संघर्षों और बलिदानों’’ को नहीं छिपायेंगे। सिंगापुर में समलैंगिकता को लेकर अब भी रूढ़ीवादी विचार हैं। वहां समान लिंग के लोगों के बीच यौन संबंध औपनिवेशिक काल के कानून के तहत तकनीकी रूप से अवैध हैं। यह अलग बात है कि इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।
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जोशुआ सिमॉन स्थानीय रेडियो स्टेशन में जाने माने डीजे हैं और शनिवार को वह सिंगापुर पॉलीटेक्निक में 16 से 19 साल के छात्रों को संबोधित करने वाले थे। ‘टेड’ से नि:शुल्क लाइसेंस के तहत ‘टेडएक्स’ कार्यक्रम का अपने स्तर पर आयोजित किया जाता है। ‘टेड’ एक गैरलाभकारी संस्थान है जो प्रभावी शख्सियतों के वक्तव्यों को प्रदर्शित करता है। अपनी एक फेसबुक पोस्ट में 29 वर्षीय सिमॉन ने कहा कि गे होने की वजह से उन्हें अपने भाषण में बदलाव करने के लिये कहा गया था। इसमें वह किस्सा भी शामिल था कि उनके पिता को इस बारे में कब पता चला। उन्होंने लिखा कि मेरे संघर्षों और बलिदानों को छिपाना उनके लिये शर्म की बात है। मैंने स्कूल से कहा कि मैं अब यह टॉक (कार्यक्रम) नहीं करूंगा। मैंने अपनी स्क्रिप्ट में कोई बदलाव नहीं करना पसंद किया।
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यह पहली बार नहीं है जब ‘टेडएक्स टॉक’ को समलैंगिकता से संबंधित संवेदनशील विषय को आधार बनाकर रद्द किया गया हो। पिछले साल भी एक गे कार्यकर्ता को प्रतिष्ठित कैथोलिक स्कूल में भाषण देने से रोक दिया गया। सिंगापुर पॉलीटेक्निक ने इस बात की पुष्टि की कि कार्यक्रम आयोजकों ने सिमॉन को अपने भाषण में बदलाव का सुझाव दिया था जो उनकी लैंगिकता से संबंधित था क्योंकि उनका मानना था कि यह ‘‘लक्षित दर्शकों के लिये अनुचित’’ हो सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि दुर्भाग्य है कि इसके (बदलाव करने के) बजाय उन्होंने कार्यक्रम में नहीं बोलने का फैसला किया है। सिमॉन ने कहा कि संस्थान ने उन्हें कहा था कि उन्हें शिक्षा मंत्रालय के नियमों का पालन करना होगा। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें कार्यक्रम की सूचना नहीं थी और प्रवक्ताओं के चयन पर चर्चा में मंत्रालय शामिल नहीं था।
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