Sharif की मेजबानी, PM मोदी क्या फिर चखेंगे लाहौर की बिरयानी? पाकिस्तान दौरे को लेकर आया क्या नया अपडेट
इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसका मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा और साथ ही पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाला सीमा पार आतंकवाद है। भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, साथ ही इस बात पर जोर देता रहा है कि आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।
पाकिस्तान ने अक्टूबर में इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक तौर पर निमंत्रण दिया है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच विशेष रूप से कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण संबंधों के बीच आया है। इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसका मुख्य कारण कश्मीर मुद्दा और साथ ही पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाला सीमा पार आतंकवाद है। भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, साथ ही इस बात पर जोर देता रहा है कि आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।
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क्या पीएम मोदी जाएंगे पाकिस्तान?
मौजूदा संबंधों की प्रकृति को देखते हुए यह अनिश्चित है कि क्या पीएम मोदी इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के निमंत्रण को स्वीकार करेंगे। भारतीय प्रधान मंत्री रूस की यात्रा पर निकलने से पहले 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल थे।
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25 दिसंबर 2015 का दिन जब रूस और अफगानिस्तान से लौटते वक्त नवाज शरीफ के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने अचानक लाहौर पहुंच सभी को चौंका दिया था। पीएम का विशेष आईएएफ बोइंग 737 विमान स्थानीय समयानुसार 4.20 बजे (भारतीय समयानुसार 4.50 बजे) सुचारू रूप से उतरा तो मोदी का रेड कार्पेट पर स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने लाहौर के बाहरी इलाके में शरीफ के रायविंड महलनुमा आवास पर जाने के लिए एक हेलिकॉप्टर लिया। विपक्ष की तरफ से पीएम मोदी को 2015 में पाकिस्तान की तरफ से परोसी गई बिरयानी की याद हमेशा दिलाते हुए तंज भी कसा जाता है।
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