Russia-Ukraine को करनी ही होगी बात, बर्लिन से एस जयशंकर का सीधा संदेश, चाहे तो भारत सलाह देने के लिए तैयार
जयशंकर ने कहा कि हमने पीएम मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर चर्चा की। हमने पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व की स्थिति, विशेष रूप से गाजा संघर्ष और इसके प्रभावों के बारे में बात की है। मैंने यूरोपीय संघ के साथ हमारे सहयोग पर संक्षेप में चर्चा की।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बर्लिन में जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन को बातचीत करनी ही होगी और यदि वे चाहते हैं तो भारत सलाह देने के लिए तैयार है। जयशंकर ने कहा कि हमने पीएम मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर चर्चा की। हमने पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व की स्थिति, विशेष रूप से गाजा संघर्ष और इसके प्रभावों के बारे में बात की है। मैंने यूरोपीय संघ के साथ हमारे सहयोग पर संक्षेप में चर्चा की। हमें नहीं लगता है कि इस संघर्ष का युद्ध के मैदान में हल होने वाला है। कहीं न कहीं, कुछ बातचीत तो होगी ही। जब कोई बातचीत होगी, तो मुख्य पक्षों रूस और यूक्रेन को उस बातचीत में शामिल होना ही होगा।
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एस जयशंकर ने कहा कि आने वाले आयोग के साथ, हम एफटीए और अन्य समझौतों पर तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद करते हैं और हम इसके लिए जर्मनी के समर्थन पर भरोसा करते हैं। साथ ही, हम व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की शीघ्र बैठक आयोजित करना चाहेंगे। रक्षा और सुरक्षा में भी हमारी बातचीत बढ़ी है। हमने इस वर्ष पहला हवाई अभ्यास आयोजित किया। और हमें उम्मीद है कि हम अगले महीने गोवा में आपके नौसैनिक जहाजों का स्वागत करेंगे। हमारी नीति और अन्य आदान-प्रदान परस्पर लाभकारी रहे हैं। और हम यह पता लगाना चाहेंगे कि हमारे रक्षा उद्योग कैसे अधिक निकटता से सहयोग कर सकते हैं।
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एक दिन पहले उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ सार्थक वार्ता की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस एवं यूक्रेन यात्राओं का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नेता ने मास्को और कीव में कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है।
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