दोस्ती की आड़ में भारत को धोखा दे रहा रूस! पुतिन, पाकिस्तान और कार्गो शिप का क्या है पूरा मामला?
वैसे तो भारत के कारण रूस की तरफ से पाकिस्तान को कभी ज्यादा भाव नहीं मिला। लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद प्रतिबंधों को झेलता रूस कंगाल हो चुके पाकिस्तान के साथ व्यापार करना चाहता है। पाकिस्तान भी रूस से सस्ता कच्चा तेल और गेंहू खरीद कर अपनी भूखी आवाम का पेट भरने को ललायित नजर आ रहा है।
अंग्रेजी की एक कहावत है "A real friend is one who walks in when the rest of the world walks out" यानी जब सारी दुनिया साथ छोड़ देती है तब एक सच्चा दोस्त आपका साथ देता है। भारत और रूस की वर्षों पुरानी दोस्ती पर ये बात बिल्कुल खरी उतरती है। लेकिन इसके साथ ही कहा जाता है कि वैश्विक कूटनीति में कोई भी किसी का स्थायी दोस्त और दुश्मन नहीं होता है। वैसे तो भारत के कारण रूस की तरफ से पाकिस्तान को कभी ज्यादा भाव नहीं मिला। लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद प्रतिबंधों को झेलता रूस कंगाल हो चुके पाकिस्तान के साथ व्यापार करना चाहता है। पाकिस्तान भी रूस से सस्ता कच्चा तेल और गेंहू खरीद कर अपनी भूखी आवाम का पेट भरने को ललायित नजर आ रहा है। पाकिस्तान और रूस के बीच व्यापार दोनों ही देशों की मजबूरी बन गया है।
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दोनों देशों में हुआ था व्यापार समझौता
रूसी कच्चे तेल के आने से पहले, एक कंटेनर जहाज क्रिस्टल सेंट पीटर्सबर्ग केवल 21 दिनों में कराची बंदरगाह पर पहुंच गया। जहाज ने गुरुवार को कराची इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (केआईसीटी) में प्रवेश किया। समुद्री मामलों के मंत्री सैयद फैसल सब्ज़वारी ने कराची पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) के अध्यक्ष सैयदैन रज़ा जैदी और रूस के महावाणिज्यदूत एंड्री विक्टरोविच फेडोरोव के साथ पोत का स्वागत किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अप्रैल में पाकिस्तान और मास्को के बीच एक समझौते के तहत रियायती रूसी कच्चे तेल की पहली खेप जून की शुरुआत में छोटे जहाजों द्वारा ओमान के रास्ते पाकिस्तान पहुंचेगी।
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पाकिस्तानी मंत्री ने रूसी शिप का किया स्वागत
केपीटी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सब्ज़वारी ने इस अवसर को सरकार की एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया, जिसने व्यापारिक समुदाय को रूसी बाजारों तक सीधी पहुंच प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इससे सीधे रूस को पाकिस्तानी सामान का निर्यात खुलेगा। इसी तरह, यह रूस के लिए भी फायदेमंद होगा और इसके लिए रूस के साथ-साथ मध्य एशियाई राज्यों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध होंगे।
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