कुरैशी ने कहा, 2020 तक FATF के सभी लक्ष्यों को हासिल करेगा पाकिस्तान
एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत में कई आतंकवादी हमलों के लिये जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी समूहों को मुहैया हो रहे धन पर लगाम लगाने के लिये बताए गए 27 कामों में से सिर्फ पांच पर अमल किया।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल की कालीसूची में डलवाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका देश एफएटीएफ की तरफ से रखे गए सभी लक्ष्यों को हासिल करेगा। कुरैशी की यह टिप्पणी पेरिस स्थित एफएटीएफ की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आयी है जिसमें उसने कहा था कि अगर उसने (पाकिस्तान ने) फरवरी तक आतंकवाद को मुहैया कराये जा रहे धन पर लगाम नहीं लगाई तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा।
इसे भी पढ़ें: गौतम गंभीर ने की पाकिस्तानी बच्ची की मदद, अब भारत में करा सकेगी इलाज
एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने भारत में कई आतंकवादी हमलों के लिये जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी समूहों को मुहैया हो रहे धन पर लगाम लगाने के लिये बताए गए 27 कामों में से सिर्फ पांच पर अमल किया। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में डलवाने में भारत विफल रहा। देश को फरवरी 2020 तक पूरा करने के लिये कई काम सौंपे गए हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करेगी और देश को ‘ग्रे’ सूची से बाहर लाएगी। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने धनशोधन और आतंक के वित्त पोषण को रोकने के लिये सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों को संज्ञान में लिया।
एफएटीएफ एक अंतर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1989 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था की शूचिता बनाए रखने के लिये धन शोधन से लड़ने, आतंक का वित्त पोषण रोकने समेत ऐसे ही अन्य खतरों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई थी। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) द्वारा 31 अक्टूबर को प्रस्तावित सरकार विरोधी प्रदर्शन की योजना के बारे में पूछे जाने पर कुरैशी ने कहा कि कुछ लोग कभी भी देश में राजनैतिक स्थिरता का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रदर्शन से भारत को “कश्मीर से ध्यान हटाने” में मदद मिलेगी।
इसे भी पढ़ें: सीमा पर पाक की नापाक हरकत, दो सैनिक शहीद, 1 नागरिक की मौत
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किये जाने के भारत सरकार के फैसले को उठाने की कोशिश कर चुका हैहालांकि उसे कामयाबी नहीं मिली। भारत सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के संदर्भ में यह फैसला लिये जाने के बाद पाकिस्तान ने उसके साथ अपने कूटनीतिक संबंधों का स्तर कम कर दिया और पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को खारिज करते हुए जम्मू कश्मीर को हमेशा से भारत का आंतरिक मामला बताया है।
अन्य न्यूज़