कुरैशी ने कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख को पत्र लिखा
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं यह रेखांकित करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय तौर पर स्वीकृत एक विवादित क्षेत्र है।’’ कुरैशी ने कहा, ‘‘ जम्मू - कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में अनसुलझा है।’’
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित हनन को लेकर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख को खत लिखा है। कुरैशी ने शुक्रवार को मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट को लिखी चिट्ठी में कहा कि यह पत्र कश्मीर में ‘मानवाधिकारों की बदतर होती स्थिति’ को लेकर 16 दिसंबर 2018 को लिखे खत की अगली कड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने इस मुद्दे से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। कुरैशी का बयान जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीं हमले को लेकर दोनों मुल्कों के मध्य फिरे से बढ़े तनाव के बीच आई है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गए थे।
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विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं यह रेखांकित करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय तौर पर स्वीकृत एक विवादित क्षेत्र है।’’ कुरैशी ने कहा, ‘‘ जम्मू - कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में अनसुलझा है।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू - कश्मीर में परेशान करने वाली स्थिति अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नजरिए से भी ध्यान आकर्षित करती है, खासकर चार जिनेवा सम्मेलनों को लेकर। भारत कहता है कि समूचा जम्मू - कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने उसके राज्य के हिस्से पर अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है।
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EU Sub Committee on Human Rights has asked India to immediately halt atrocities in Kashmir. The sub-committee is officially committed to address the human rights situation in Kashmir and has called for the full implementation of OHCHR report.
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) February 23, 2019
भारत का यह भी कहना है कि जम्मू कश्मीर के लोग पकिस्तान की धरती से चलाए जाने वाले सीमा पार आतंकवाद के पीड़ित हैं। पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रशिक्षण देता है और उन्हें हथियार उपलब्ध कराता है। साथ में नियंत्रण रेखा पार कराने में मदद करता है।
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