इजराइल को हथियारों का निर्यात रोकने का निर्देश केन्द्र को देने संबंधी याचिका न्यायालय में दाखिल

Supreme court
ANI

उद्यम सहित कंपनियों द्वारा इजराइल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति, संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत के दायित्वों का उल्लंघन है।

उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर केन्द्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह इजराइल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के लाइसेंस रद्द करे और नए लाइसेंस नहीं दे।

वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर जनहित याचिका में रक्षा मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है और कहा गया है कि, ‘‘भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों से बंधा हुआ है, जो भारत को युद्ध अपराधों के दोषी देशों को सैन्य हथियार नहीं देने के लिए बाध्य करते हैं, क्योंकि किसी भी निर्यात का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए किया जा सकता हैं।’’

यह जनहित याचिका 11 लोगों ने दायर की है जिसमें नोएडा निवासी अशोक कुमार शर्मा भी शामिल हैं। याचिका में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम सहित कंपनियों द्वारा इजराइल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति, संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत के दायित्वों का उल्लंघन है।

गाजा पर इजराइल के हमले में हजारों फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। इससे पहले हमास के बंदूकधारियों ने सात अक्टूबर 2023 की सुबह गाजा की सीमा पार करके इजराइल में धावा बोला और लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी। उन्होंने इजराइल के कई लोगों को बंधक भी बना लिया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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