करतारपुर गलियारा खुलने के बाद पंजाब में हुआ पासपोर्ट सेवा का विस्तार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टिप्पणी की थी कि भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पाकिस्तान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते का हिस्सा है जिसे दोनों देशों के अधिकारियों ने चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया है।
नयी दिल्ली। पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के दरबार साहिब को जोड़ने वाले करतारपुर गलियारे के खुलने के बाद पासपोर्ट आवेदन की संख्या बढ़ गई है जिसके मद्देनजर विदेश मंत्रालय ने पंजाब में पासपोर्ट सेवा का विस्तार किया है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए करार के मुताबिक करतारपुर गलियारे के जरिये दरबार साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट जरूरी है।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पासपोर्ट सेवा को और सुगम बनाया गया है। अब पंजाब में तीन पासपोर्ट कार्यालय, पांच पासपोर्ट सेवा केंद्र और छह डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं। इसके अलावा डेरा बाबा नानक सहित कई स्थानों पर नए डाकघर पासपोर्ट केंद्र खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पासपोर्ट हासिल करना मुश्किल नहीं है और हम करतारपुर जाने के लिए पासपोर्ट की सुविधा दे रहे हैं, क्योंकि यह एक आवश्यक शर्त को पूरा करने के लिए जरूरी है।
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कुमार ने कहा कि करतारपुर गलियारे के जरिये दरबार साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है खासतौर पर सप्ताहांत में। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टिप्पणी की थी कि भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पाकिस्तान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते का हिस्सा है जिसे दोनों देशों के अधिकारियों ने चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया है। इसमें कोई भी बदलाव दोनों देशों की औपचारिक सहमति से ही संभव है न कि ट्वीट या बयान के जरिये। कुमार ने कहा कि प्रति श्रद्धालु 20 डालर के शुल्क का मुद्दा पाकिस्तान के समक्ष उठाया जा रहा है और इसे खत्म किया जाना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान अबतक इसपर सहमत नहीं हुआ है।
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