यूक्रेन की संसद ने सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने को मंजूरी दी
यूक्रेन की संसद ने सोमवार को सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने को मंजूरी दे दी। उधर, रूस के सरकारी टेलीविजन चैनलों पर समुद्र में टकराव को लेकर मॉस्को के कीव के तीन जहाजों को जब्त कर लेने के बाद बंधक बनाए गए यूक्रेनी नाविकों की तस्वीरें प्रसारित की गईं।
कीव। यूक्रेन की संसद ने सोमवार को सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने को मंजूरी दे दी। उधर, रूस के सरकारी टेलीविजन चैनलों पर समुद्र में टकराव को लेकर मॉस्को के कीव के तीन जहाजों को जब्त कर लेने के बाद बंधक बनाए गए यूक्रेनी नाविकों की तस्वीरें प्रसारित की गईं। गहन चर्चा के बाद 276 सांसदों ने 30 दिन के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। यह फैसला तब किया गया जब रूसी बलों ने रविवार को कीव के तीन जहाजों को जब्त कर लिया। रूस ने आरोप लगाया कि अजोव सागर में क्रीमिया के तट के पास जहाज अवैध तरीके से रूसी जल क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे।
MFA of #Ukraine expresses its strong protest to #Russia in connection with the armed attack and capture of the Ukrainian navy ships «Berdyansk», «Nikopol» and the tug boat «Yana Kapu», as well as the wounding and capturing of members of their crews.
— MFA of Ukraine 🇺🇦 (@MFA_Ukraine) November 26, 2018
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यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों का कहना है कि रूस ने अवैध तरीके से जलसंधि को अवरूद्ध किया और जहाज और नाविकों को बंधक बनाकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। मार्शल लॉ यूक्रेन के अधिकारियों को सैन्य अनुभव वाले नागरिकों को लामबंद करने, मीडिया का नियमन करने और जनसभाओं को सीमित करने की शक्ति देता है। पोरोशेंको समूचे देश में मार्शल लॉ लगाना चाहते थे लेकिन विपक्षी सांसदों के विरोध की वजह से इसे सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित रखा गया।
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मतदान से पहले पोरोशेंको ने मॉस्को पर ‘नये चरण का आक्रामक बर्ताव’ करने का आरोप लगाया। यूक्रेनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और बंधक बनाए गए नाविकों की कई तस्वीरें रूस के सरकारी चैनल रोसिया 24 पर प्रसारित की गईं, जिसमें मॉस्को की सुरक्षा सेवा के अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं। एक समय में नाविकों में से एक को यह कहते सुना जा रहा है कि ‘‘कर्च जलडमरूमध्य में यूक्रेन के सशस्त्र जहाजों की कार्रवाई उकसाने वाली प्रकृति की है।’’ इस घटना से सैन्य गतिविधियां बढ़ने का डर पैदा हो गया है।
Today, our top priority should be to put pressure on the Kremlin to return home 23 Ukrainian troops and three Ukrainian ships. I believe that by a common international front we will be able to ensure a change in the arrogant behavior of the Russian aggressor.
— Петро Порошенко (@poroshenko) November 27, 2018
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाई गई जिसमें अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने रूस को गैर कानूनी कार्रवाई के लिये चेतावनी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी घटना का आकलन किया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो कुछ भी हो रहा है हम उसे पसंद नहीं करते हैं और उम्मीद है कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। मुझे मालूम है कि यूरोप को भी अच्छा नहीं लग रहा है। वे भी इसपर काम कर रहे हैं। हम भी इसपर साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
“The United States will continue to stand with the people of Ukraine against this Russian aggression.” pic.twitter.com/u1pLg1Focr
— US Mission to the UN (@USUN) November 26, 2018
यह टकराव रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष में ताजा खतरनाक घटनाक्रम है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पहले ही संघर्ष को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं और यूरोपीय राजधानियों ने सोमवार को कीव के प्रति समर्थन जताया। यूक्रेन के विदेश मंत्री पावलो क्लिकिन ने कीव में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह रूसी संघ की ओर से यूक्रेन के खिलाफ हमले का सुनियोजित कृत्य है।’’ पोरोशेंको ने रूस पर लंबे समय से दोनों के बीच चल रहे संघर्ष को दूसरे स्तर पर ले जाने का आरोप लगाया।
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