अमेरिका में H1-B वीजा पर काम कर रहा पाकिस्तानी डॉक्टर निकला जासूस, ISIS की मदद करने के कारण 18 साल जेल की सजा

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अमेरिका में एच1-बी वीजा पर काम कर रहे एक पाकिस्तानी चिकित्सक को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को सहायता मुहैया करने और अमेरिका में आतंकवादी हमले करने का प्रयास करने के लिए 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है।

न्यूयॉर्क। अमेरिका में एच1-बी वीजा पर काम कर रहे एक पाकिस्तानी चिकित्सक को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को सहायता मुहैया करने और अमेरिका में आतंकवादी हमले करने का प्रयास करने के लिए 18 साल जेल की सजा सुनाई गई है। न्याय विभाग के एक बयान में बताया गया कि आईएसआईएस को सहायता प्रदान करने के प्रयास के लिए मुहम्मद मसूद (31) को शुक्रवार को 18 साल जेल की सजा सुनाई गई। साथ ही, उसे रिहाई के बाद पांच साल तक निगरानी में भी रहना होगा।

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मसूद ने पिछले वर्ष अपना अपराध स्वीकार कर लिया था और वरिष्ठ न्यायाधीश पॉल ए. मैग्नसन के समक्ष उन्हें सजा सुनाई गई। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, पाकिस्तान में मसूद एक लाइसेंसशुदा चिकित्सक था और एच-1बी वीजा के साथ मिनेसोटा के रोचेस्टर में एक मेडिकल क्लीनिक में अनुसंधान समन्वयक के रूप में कार्यरत था। मसूद ने जनवरी 2020 और मार्च 2020 के बीच एक आतंकवादी संगठन में शामिल होने के उद्देश्य से अपनी विदेश यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक संदेश भेजने वाली एप्लिकेशन का उपयोग किया था।

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मसूद ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) में शामिल होने की अपनी इच्छा के बारे में कई बयान दिए और उसने आतंकवादी संगठन तथा उसके सरगना के प्रति अपनी निष्ठा भी जताई थी। मसूद ने अमेरिका में अकेले ही आतंकवादी हमले करना मंसूबा जाहिर किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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