पाक विदेश मंत्री का बयान- भारत से नहीं बनाएंगे कोई भी राजनयिक संबंध
पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया लेकिन भारत लगातार कहता रहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाया जाना उसका ‘‘आंतरिक मामला’’ है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद भारत के साथ राजनयिक संबंध की किसी भी संभावना से बुधवार को इनकार किया। कुरैशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान, भारत के साथ बैठकों के खिलाफ नहीं है लेकिन इसके लिए यह उचित समय नहीं है। भारत द्वारा गत पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया लेकिन भारत लगातार कहता रहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाया जाना उसका ‘‘आंतरिक मामला’’ है। कुरैशी ने यहां पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान ने वार्ता के माध्यम से भारत के साथ मुद्दों का समाधान करने से परहेज नहीं किया है और प्रधानमंत्री इमरान खान का पहले दिन से ही सकारात्मक रवैया रहा है। लेकिन वे (भारत) वार्ता से भागते रहे है और उन्होंने पांच अगस्त को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ कदम उठाया। उन्होंने कहा कि मैं निकट भविष्य में (ऐसी स्थितियों में) किसी भी राजनयिक संबंध के बारे में नहीं सोचता हूं। यहां तक कि अगर कुछ मित्र बैठक चाहते हैं तो यह व्यर्थ ही होगा।
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कुरैशी ने प्रधानमंत्री खान की ईरान और सऊदी अरब की यात्राओं के बारे में भी कहा कि दो देशों के नेताओं के साथ उनकी बैठकें सकारात्मक रही है। उन्होंने दावा किया कि सऊदी और ईरानी नेताओं ने कश्मीर पर पाकिस्तान के रूख का समर्थन किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंध पिछली सरकारों की तुलना में अब बहुत बेहतर हुए है। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रम्पउत्सुकता से किसी एक कॉल का इंतजार करेंगे, तो वह प्रधानमंत्री खान से होगा।
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