पाकिस्तान और चीन की दोस्ती अटूट और चट्टान जैसी मजबूत : शी
शी ने चीन और पाकिस्तान को सदा के लिए एक रणनीतिक सहयोग वाला साथी बताया और कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में क्या बदलाव आ रहे हैं, चीन और पाकिस्तान के बीच की मित्रता हमेशा अटूट और चट्टान की तरह मजबूत है।
बीजिंग। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को आश्वस्त किया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव आने के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता ‘‘अटूट और चट्टान जैसी मजबूत ’’ है। शी ने यहां सरकारी अतिथिगृह में खान से मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की। दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए शी को भारत के लिए रवाना होना है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शी के हवाले से कहा कि नए दौर में साझा भविष्य वाला चीन-पाकिस्तान समुदायस्थापितकरने की खातिर वह पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।
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शी ने चीन और पाकिस्तान को सदा के लिए एक रणनीतिक सहयोग वाला साथी बताया और कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में क्या बदलाव आ रहे हैं, चीन और पाकिस्तान के बीच की मित्रता हमेशा अटूट और चट्टान की तरह मजबूत है। चीन और पाकिस्तान के बीच हमेशा से जीवंत सहयोग बना रहा है। इमरान खान पिछले वर्ष अगस्त माह में प्रधानमंत्री बने थे, उसके बाद से उनका यह तीसरा चीन दौरा है। उनका यह दौरा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को भारत जा रहे हैं। शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी।
बीजिंग इस्लामाबाद का पुराना सहयोगी है। उसने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का समर्थन किया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा था, ‘‘ऐसा कोई एकतरफा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे यथास्थिति में परिवर्तन आता हो। ’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर के मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान को आपसी बातचीत से निकालना होगा। उसका यह रुख संयुक्त राष्ट्र तथा संरा सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में उसके हाल के संदर्भों से अलग है।शुआंग की टिप्पणी कश्मीर को लेकर चीन के हाल के रुख में आए उल्लेखनीय बदलाव को दिखाती है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को स्पष्ट शब्दों में यह कह दिया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करना और जम्मू-कश्मीर को प्रदत्त विशेष दर्जे को खत्म करना उसका आतंरिक मामला है। भारत ने यह कहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। खान से मुलाकात के दौरान शी ने कहा कि पाकिस्तान को बेहतर बनाने और उसके तेज विकास में चीन वाकई मदद देना चाहता है। शिन्हुआ के मुताबिक शी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान में साझा समर्थन और सहायता की परंपरा है। उन्होंने कहा कि जब चीन परेशानी में था तब पाकिस्तान ने उसे नि:स्वार्थ सहायता दी। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक खान ने कश्मीर मुद्दे पर शी और चीन की सरकार द्वारा ‘‘उसूल के अनुरूप रुख’’ अपनाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
खान ने कहा कि चीन ने मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री खान ने देश के वर्तमान हालात के बारे में शी को जानकारी दी, साथ ही बताया कि मुश्किल आर्थिक हालात से पाकिस्तान उबर गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में हम चीन के वित्तीय सहयोग को कभी नहीं भूलेंगे।’’ साथ ही यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बिना किसी शर्त के मदद दी है। खान ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बहुत मुश्किल हालात से निकलने में मदद दी है। उन्होंने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत चीन के समर्थन की सराहना की। खान ने मंगलवार को यहां अपने समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की।
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