राजनाथ सिंह ने रूसी समकक्ष से की फोन पर बात, कहा- संघर्ष के बीच कोई ना अपनाए परमाणु विकल्प
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से फोन पर बात की है। दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान यूक्रेन के मौजूदा हालात पर चर्चा की है। इस दौरान डर्टी बम का इस्तेमाल करके उकसावे वाली कार्रवाई को लेकर उठ रही चिंता पर भी चर्चा हुई।
नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से निकाला जाना चाहिए और किसी भी पक्ष को परमाणु विकल्प पर विचार नहीं करना चाहिए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि शोइगु ने फोन पर हुई बातचीत में सिंह को यूक्रेन के मौजूदा हालात से अवगत कराया जिसमें डर्टी बम का इस्तेमाल करके उकसावे वाली कार्रवाई को लेकर चिंताएं शामिल हैं।
रूस और यूक्रेन में बढ़ती शत्रुता के बीच रूस के रक्षा मंत्री की पहल पर बातचीत की गयी। मंत्रालय ने कहा कि सिंह ने संघर्ष के जल्दी समाधान के लिए संवाद और कूटनीति के मार्ग को अपनाने की जरूरत पर भारत का रुख दोहराया। उसने कहा कि उन्होंने संकेत दिया कि किसी भी पक्ष को परमाणु विकल्प को नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि परमाणु या रेडियोलॉजिकल हथियारों के इस्तेमाल की संभावना मानवता के मूलभूत सिद्धांत के खिलाफ है। मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और यूक्रेन के बिगड़ते हालात पर भी चर्चा की।
रूस ने करीब दो सप्ताह पहले क्रीमिया में एक बड़े विस्फोट के जवाब में यूक्रेन के अनेक शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले शुरू कर दिये हैं जिसके बाद दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है। विस्फोट के लिए रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से वहां नये सिरे से बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर जल्द से जल्द देश छोड़ने को कहा है।
यूक्रेन की परमाणु एजेंसी ने डर्टी बम संबंधी रूस के आरोप को खारिज किया
यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रूस के इस दावे को खारिज किया कि वह रेडियोधर्मी उपकरण-तथाकथित डर्टी बम के जरिए उसे उकसाने की कोशिश कर रहा है। यूक्रेन ने कहा कि रूसी सेना अपने कब्जे वाले यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में गुप्त रूप से निर्माण कार्य कर रही है और अपनी उन गतिविधियों से ध्यान हटाने के लिए वह यूक्रेन पर आरोप लगा रही है। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने सप्ताहांत में अपने ब्रितानी, फ्रांसीसी, तुर्की और अमेरिकी समकक्षों को फोन कर यह दावा किया था कि यूक्रेन रेडियोधर्मी उपकरण-तथाकथित डर्टी बम से हमला करने की तैयारी कर रूस को उकसाने की कोशिश कर रहा है।
ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने इसे पूरी तरह झूठा कहकर खारिज कर दिया। यूक्रेन ने रूस के दावे को खारिज किया और कहा कि यह डर्टी बम का इस्तेमाल करने की रूस की खुद की योजना से ध्यान हटाने का प्रयास है। इस बीच, अमेरिका की सरकार ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण बढ़े हुए तनाव के बीच रूस ने सूचना दी है कि वह अपनी परमाणु क्षमताओं का नियमित अभ्यास करने का इरादा रखता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस ने अमेरिका-रूस हथियार नियंत्रण समझौते की शर्तों का अनुपालन किया है जिसके तहत उसे भविष्य में होने वाले परीक्षणों के बारे में वाशिंगटन को सूचित करना होता है।
रूस नई स्टार्ट संधि की शर्तों के तहत इस तरह की सूचनाएं नियमित तौर पर देता रहता है, ताकि सैन्य अभ्यास को वास्तविक शत्रुता समझने की गलती न हो, लेकिन यह सूचना ऐसे समय में दी गई है जब यूक्रेन में संघर्ष तेज हो गया है और दोनों पक्षों के बीच राजनयिक संपर्क काफी कम हो गया है। यूक्रेन की परमाणु एजेंसी एनरगोएटम ने कहा कि रूसी सेना ने अपने कब्जे वाले यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पिछले सप्ताह गुप्त रूप से कुछ कार्य किए। एनरगोएटम ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि क्षेत्र पर कब्जा जमाए बैठे रूसी अधिकारी यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र में अपनी गतिविधियों को यूक्रेनी कर्मचारियों या संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी इकाई को देखने नहीं देंगे। एनरगोएटम ने कहा, इससे ऐसा लगता है कि परमाणु सामग्री और (संयंत्र) में रखे रेडियोधर्मी कचरे का उपयोग करके रूस किसी आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है।
बयान के अनुसार, संयंत्र में इस्तेमाल हो चुके सूखे ईंधन के भंडारण केंद्र में 174 कंटेनर हैं, जिनमें से प्रत्येक में इस्तेमाल हो चुके परमाणु ईंधन की 24 असेंबली (समूह) हैं। कंपनी ने कहा, विस्फोट के परिणामस्वरूप इन कंटेनर के नष्ट होने से विकिरण दुर्घटना होगी और कई सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रेडियोधर्मी प्रदूषण फैल जाएगा। एनरगोएटम ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) से वहां क्या चल रहा है, यह पता लगाने को कहा है। ‘डर्टी बम’ से परमाणु बम जैसा भयावह विनाश नहीं होता, लेकिन इससे बड़े क्षेत्र में विकिरण प्रदूषण फैल जाता है।
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