पुतिन से मिले तो गलवान से झट से पीछे हटा चीन, अब कौन सा नया प्लान लेकर बीजिंग जाने वाले हैं मोदी के जेम्स बॉन्ड

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अभिनय आकाश । Dec 16 2024 12:35PM

विशेष प्रतिनिधियों के बीच आगामी बैठक 23 अक्टूबर को कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच, जी20 शिखर सम्मेलन के इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच और 18 नवंबर को रियो डी जनेरियो में, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष डोंग जून 20 नवंबर को वियनतियाने में आसियान रक्षा मंत्री-प्लस बैठक के बाद होगी। मोदी और शी ने अपनी बैठक के दौरान सीमा मुद्दे के समाधान और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों सहित कई तंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया था।

भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर चला आ रहा गतिरोध अब थमता नजर आ रहा है। अब खबर आ रही है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेनाओं के पीछे हटने के बाद लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने पर चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के आने वाले हफ्तों में चीन का दौरा करने की उम्मीद है। नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि दोनों पक्ष यात्रा की तारीखें तय करने के लिए काम कर रहे हैं और एनएसए साल के अंत तक या जनवरी की शुरुआत में सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों के तंत्र के तहत बातचीत के लिए बीजिंग का दौरा कर सकते हैं।

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विशेष प्रतिनिधियों के बीच आगामी बैठक 23 अक्टूबर को कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच, जी20 शिखर सम्मेलन के इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच और 18 नवंबर को रियो डी जनेरियो में, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष डोंग जून 20 नवंबर को वियनतियाने में आसियान रक्षा मंत्री-प्लस बैठक  के बाद होगी। मोदी और शी ने अपनी बैठक के दौरान सीमा मुद्दे के समाधान और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों सहित कई तंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया था।

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बीते दिनों चीन ने गलवान घाटी से अपने सैनिकों को हटा दिया। ये तो आप सभी को पता हैं कि गलवान में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्ते बेहद तल्ख हो गए थे। चीन लगातार गलवान में डटा हुआ था। लेकिन चार साल गलवान घाटी में डटे रहने के बाद चीन ने अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया। इस गतिरोध के हल के पीछे अजित डोभाल की बड़ी भूमिका थी। 12 सितंबर को वांग यी और डोभाल की सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई थी। जब दोनों पक्ष उन व्यवस्थाओं को मजबूत कर रहे थे, जिसके कारण 21 अक्टूबर को दो तनावपूर्ण क्षेत्र डेमचोक और देपसांग में अग्रिम पंक्ति के बलों को हटाने पर सहमति बनी थी। 

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