मसूद अजहर पर प्रतिबंध का विरोध नहीं, आतंक में शामिल हर व्यक्ति आतंकवादी घोषित हो
भारत आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संरा की वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल करवाने का सतत प्रयास करता रहा है।
नयी दिल्ली। सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल बिन अहमद अल-जुबैर ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब-पाकिस्तान संयुक्त बयान में जिस संयुक्त राष्ट्र सूचीबद्धता प्रणाली के ‘राजनीतिकरण’ से बचने का आह्वान किया गया है, वह भारत के प्रयासों की ओर केन्द्रित नहीं है। भारत आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संरा की वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल करवाने का सतत प्रयास करता रहा है। पीटीआई को दिये विशेष साक्षात्कार में सऊदी के विदेश मंत्री ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहेंगे तो उनका देश इन दोनों देशों के बीच मध्यस्थता और तनाव कम करने में भूमिका निभाने पर विचार करेगा।
अल-जुबैर ने इस बात से इंकार किया कि सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के सोमवार को इस्लामाबाद के दौरे के दौरान पाक-सऊदी बयान पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित कराने के भारत के प्रयासों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति जो आतंकवादी है उसे चिन्हित किया जाना चाहिए। विचार यह सुनिश्चित करने का था कि कोई राजनीतिकरण नहीं हो ताकि लोग अपने राजनीतिक विरोधियों का नाम आतंकवादी के रूप में चिन्हित नहीं करें। हमें ऐसे लोगों का नाम उछालते वक्त लापरवाह नहीं होना चाहिए जो आतंकवादी नहीं हैं।’
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सऊदी के युवराज के साथ यहां आए अल-जुबैर ने कहा कि मुझे लगता है कि लोग यहां मानते हैं कि (पाक-सऊदी) संयुक्त बयान एक व्यक्ति विशेष (अजहर) पर होना चाहिए था। ऐसा नहीं हुआ। मंशा यह थी कि (आतंकवाद के रूप में) चिन्हित करने की प्रक्रिया स्पष्ट हो, राजनीतिक नहीं। सऊदी विदेश मंत्री ने कहा कि उनके देश की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और जो आतंकवाद का समर्थन करता है और इसे वित्तपोषित करता है उसे चिन्हित किया जाना चाहिए तथा सजा दी जानी चाहिए। पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सऊदी अरब का मानना है कि दोनों देश तनाव कम कर सकते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से मुद्दों को सुलझा सकते हैं।
सऊदी के विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमें आशा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नहीं बढेगा। दोनों देशों में समझदार नेतृत्व है जिसका प्रतिनिधित्व दोनों देशों के प्रधानमंत्री कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वे तनाव कम करने का तरीका खोज लेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या सऊदी अरब दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने का प्रयास करेगा, उन्होंने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान द्वारा बुलाए बिना दोनों देशों के बीच तनाव में खुद शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं और अगर दोनों चाहते हैं कि हम कोई भूमिका निभाएं, तो हम इस पर विचार करेंगे।
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यह पूछे जाने पर कि अगर भारत और पाकिस्तान किसी तरह के सैन्य टकराव की स्थिति में आते हैं तो क्या सऊदी अरब हस्तक्षेप करेंगे, सऊदी विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति में पूरा विश्व हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने कहा, ‘कोई भी दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र संघर्ष देखना नहीं चाहता क्योंकि इससे आतंकवादियों के अलावा किसी अन्य को फायदा नहीं होगा। मुझे लगता है कि नेतृत्व इस बात को जानता है। हमारी आशा है कि मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाया जा सकता है।’ पुलवामा हमले पर सऊदी विदेश मंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि जिन्होंने इस जघन्य आतंकवादी हमले को अंजाम दिया उन्हें जवाबदेह बनाया जाए और उन्हें सजा दी जाए।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यही चाहता है, पाकिस्तान यही चाहता है और भारत यही चाहता है। यह पूछे जाने पर कि सऊदी युवराज की पाकिस्तान की यात्रा के दौरान उन्हें वहां क्या महसूस हुआ, अल-जुबैर ने कहा कि पाकिस्तान ने कहा है कि वे जांच करेंगे और इस मामले को आगे बढाएंगे। उन्होंने कहा, ‘वे (पाकिस्तान) इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करेंगे और हमें देखना होगा कि यह कैसे होता है।’
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— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 20, 2019
PM @narendramodi & HRH Prince Mohammed bin Salman held talks on key areas of mutual interest-trade&inves't,energy,defence & security, nuclear& space, civil aviation, renewables,counter-terrorism,community welfare & regional challenges pic.twitter.com/Tf6jMsfill
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