तालिबान के शिक्षा मंत्री का बयान सुन चौंक जाएंगे आप, कहा- PhD या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं
अनुराग गुप्ता । Sep 8 2021 3:29PM
शिक्षा मंत्री शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर ने कहा कि पीएचडी या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है। उन्होंने कहा कि ताकत के आगे शिक्षा मायने नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि मुल्लाओं और सत्ता में शामिल लोगों के पास डिग्रियां नहीं है।
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का गठन हो चुका है। इस सरकार में शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर को शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा दिया है। ऐसे में अगर आप अगर शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर के बयान को सुनेंगे तो तालिबान की असलियत सामने आ जाएगी।
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डिग्री की कोई वैल्यू नहीं
शिक्षा मंत्री मुनीर ने कहा कि पीएचडी या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है। उन्होंने कहा कि ताकत के आगे शिक्षा मायने नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि मुल्लाओं और सत्ता में शामिल लोगों के पास डिग्रियां नहीं है, यहां तक कि हाईस्कूल भी पास नहीं है लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा महान हैं।मुनीर ने कहा कि मेरे पास भी डिग्री नहीं है, यहां पर डिग्री के बारे में कोई पूछता नहीं है। आप सभी देख सकते हैं कि मुल्लाओं और सत्ता में शामिल लोगों के पास डिग्रियां नहीं हैं।तालिबान ने मंगलवार को अंतरिम सरकार का ऐलान किया। जिसमें मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रमुख बताया गया। जबकि मुल्ला बरादर और अब्दुल सलाम हनाफी को उप प्रधानमंत्री का पद मिला। वहीं 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री का जिम्मा सौंपा गया। इस सरकार में हक्कानी ग्रुप के 4 कमांडरों को जगह मिली है और मंत्रिमडल में किसी भी महिला सदस्य को शामिल नहीं किया गया।This is the Minister of Higher Education of the Taliban -- says No Phd degree, master's degree is valuable today. You see that the Mullahs & Taliban that are in the power, have no Phd, MA or even a high school degree, but are the greatest of all. pic.twitter.com/gr3UqOCX1b
— Said Sulaiman Ashna (@sashna111) September 7, 2021
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रूढ़िवादी है मुल्ला अखुंद
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद एक रूढ़िवादी है, जिसकी मान्यताओं में महिलाओं पर प्रतिबंध और नैतिक और धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिक अधिकारों से वंचित करना शामिल है। 1990 के दशक में तालिबान द्वारा अपनाए गए उनके आदेशों में महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाना, लैंगिक अलगाव को लागू करना और सख्त धार्मिक परिधान को अपनाना शामिल था।We're now on WhatsApp. Click to join.
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