इजरायल में इस वैरिएंट ने मचाई तबाही, वैक्सीन पर उठे सवाल
वैज्ञानिकों ने डेल्टा वैरिएंट फैमिली को चार से 13 रूपों में बांटा है। डेल्टा वैरिएंट के कुछ मामले भारत में चिंता का का बड़ा कारण है, इस वैरिएंट का एक अन्य उप-वंश – एवाई .12, इजराइल में कोरोना के बढ़ते मामलों से जुड़ा है।
जैसे-जैसे वायरस शरीर में फैलता है, यह खुद की कॉपी बनाता है। जैसे, डेल्टा संस्करण (बी.1.617.2) ने कई उप-वंशों को जन्म दिया है, जिन्हें 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट कहा गया। इजरायल में स्पाइक चिंता का विषय है क्योंकि यह एक ऐसा देश है, जहां लगभग 60% वयस्कों ने टीका ले लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक वहां फाइजर वैक्सीन की प्रभावशीलता काफी कम है। वर्तमान में यह ज्ञात नहीं है कि एवाई.12 डेल्टा से अलग है या नहीं। इजरायल में इसके तेजी से बढ़ने का मतलब है कि इसकी और जांच की जानी चाहिए।
भारतीय अनुसंधान समूहों द्वारा जीआईएसएआईडी पर अब तक अपलोड किए गए अनुक्रमों की संख्या के आधार पर पिछले सप्ताह इस संस्करण की व्यापकता बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है। रिपोर्ट में राज्यों से कहा गया है कि एवाई.12 उप-वंश कई राज्यों में देखी जा रही है, लेकिन जांच की आवश्यकता है। डेल्टा और एवाई.12 के प्रभाव ज्ञात नहीं है, दोनों बहुत समान प्रतीत होते हैं।
इजरायल में संक्रमण की चौथी लहर तेजी से बढ़ रही है। नए वायरस के मामले पिछले दो हफ्तों में दोगुनी से अधिक हो गई है, सरकार लॉकडाउन पर विचार कर रही है। विशेषज्ञ इस बात से चिंतित हैं कि टीका भी सुरक्षा नहीं दे रही है। अत्यधिक संक्रामक ए.12 डेल्टा वैरिएंट के साथ संक्रमण को रोकने में टीका कम प्रभावी हो सकता है।
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